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    UP Board Exam 2025: 17 अतिसंवेदनशील जिलों के परीक्षा केंद्रों पर STF का पहरा, ऑनलाइन भी की जाएगी निगरानी

    Updated: Mon, 10 Feb 2025 09:34 PM (IST)

    (UP Board 2025) यूपी बोर्ड ने 2025 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के लिए 17 जिलों को अतिसंवेदनशील घोषित किया है। इन जिलों के परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम और आसपास एसटीएफ तैनात रहेगी। बोर्ड परीक्षा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील घोषित जिलों में आगरा मथुरा बागपत अलीगढ़ मैनपुरी एटा हरदोई आजमगढ़ बलिया मऊ प्रयागराज कौशांबी चंदौली जौनपुर गाजीपुर देवरिया गोंडा शामिल हैं।

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    STF की निगरानी में रहेंगे अतिसंवेदनशील 17 जिलों के परीक्षा केंद्र। (तस्वीर जागरण)

    राज्य ब्यूरो, प्रयागराज। यूपी बोर्ड (UP Board 2025 Exam) ने पूर्व की परीक्षाओं के दौरान हुई घटनाओं को देखते हुए वर्ष 2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा नकलविहीन और निष्पक्ष कराने के लिए 17 जिलों को अतिसंवेदनशील घोषित किया है।

    इन जिलों के परीक्षा केंद्रों (UP Board Exam Room) के स्ट्रॉन्ग रूम और परीक्षा के दौरान आसपास एसटीएफ (STF) भी तैनात रहेगी। यूपी बोर्ड भी ऑनलाइन निगरानी के दौरान कहीं संदिग्ध स्थिति मिलने पर एसटीएफ को इनपुट उपलब्ध कराएगा, ताकि नकल माफिया पकड़ में आ सकें।

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    ये 17 जिले अतिसंवेदनशील घोषित हुए

    बोर्ड परीक्षा की दृष्टि से जिन जिलों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है, उनमें आगरा, मथुरा, बागपत, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, हरदोई, आजमगढ़, बलिया, मऊ, प्रयागराज, कौशांबी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, देवरिया, गोंडा शामिल हैं।

    इसे भी पढ़ें- UP Board Exam 2025: यूपी बोर्ड ने संसाधनों के अभाव में बदले गए केंद्र व परीक्षकों की मांगी सूची, मची खलबली

    कंट्रोल रूम से ऑनलाइन की जाएगी निगरानी

    इन जिलों के परीक्षा केंद्रों के स्ट्रॉन्ग रूमों की यूपी बोर्ड अपने राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम और जनपदीय कंट्रोल रूम से विशेष रूप से अनवरत ऑनलाइन निगरानी कराएगा। इसके अलावा इन जिलों की सूची एसटीएफ से भी साझा की जाएगी, ताकि वहां एसटीएफ की टीम अपनी सक्रियता बढ़ा सके।

    केंद्रों पर पुलिस बल की तैनाती भी रहेगी

    इन केंद्रों पर अन्य केंद्रों की तुलना में अधिक संख्या में पुलिस बल की तैनाती भी रहेगी। इन जिलों में तैनात किए गए राज्य पर्यवेक्षक विशेष पर्यवेक्षण करेंगे। इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन की ओर से नियुक्त सेक्टर मजिस्ट्रेट भी पर्यवेक्षण करेंगे।

    बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने कहा है कि किसी भी तरह से नकल कराने की स्थिति मिलने पर दोषियों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम 2024 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें आजीवन कारावास तक सजा व एक करोड रुपये तक जुर्माने का प्रविधान है।

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    यूपी बोर्ड ने संसाधनों के अभाव में बदले गए केंद्र व परीक्षकों की मांगी सूची

    बता दें कि दो दिन पहले यानी शनिवार को यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा का पहला चरण शनिवार को पूरा हो गया था। इसके साथ ही बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने सभी पांच क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों से संसाधन की कमी के कारण बदले गए परीक्षा केंद्र, परीक्षा से असमर्थता जताते हुए प्रत्यावेदन देने वाले परीक्षकों की संख्या तथा एप से अंक प्रदान करने के लिए परिवर्तित कराए गए मोबाइल नंबरों के संबंध में जानकारी मांग ली।