काकोरी रहमान खेड़ा के पास घूम रहा है खूंखार बाघ, कैमरे में पहली बार कैद हुई तस्वीर... दहशत में ग्रामीण
लखनऊ के काकोरी रहमान खेड़ा के पास बाघ की तस्वीर कैद हुई है। बाघ ने हलुवापुर गांव में नील गाय के बच्चे का शिकार किया। वन विभाग बाघ को ट्रैंकुलाइज करने की तैयारी कर रहा है। ग्रामीणों को समूह में एकत्र होकर ही निकलने और सूर्योदय से पूर्व और सूर्यास्त के बाद घरों से न निकलने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। लखनऊ के काकोरी रहमान खेड़ा के पास टाइगर की तस्वीर कैद हो गई है। मंगलवार को गाड़ी से जा रहे केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के कर्मचारी ने मोबाइल फोन से उसकी फोटो खींची और आठ सेकेंड का वीडियो भी बनाया।
उधर, काकोरी रहमान खेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के ब्लॉक नंबर चार से आगे बढ़कर करीब चार किलोमीटर दूर बाघ ने हलुवापुर गांव में सोमवार सुबह नील गाय के बच्चे का शिकार किया। गले पर हमलाकर उसे मारने के बाद खाए बिना ही छोड़कर चला गया। मृत नील गाय का शव देर रात वहीं पड़ा है, ऐसा इसलिए कि अगर बाघ उसे खाने आता है तो उसकी घेराबंदी की जा सके।
हालांकि हलुवापुर में बाघ के पगमार्क नहीं मिले हैं, इसलिए वन विभाग यह तय नहीं कर पा रहा है कि बाघ ने नील गाय को मारा है या किसी अन्य पशु ने की है, लेकिन गांव वालों का कहना है कि बाघ ने ही हमला किया है और उन्होंने उसे देखा है।
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पगमार्क मिलने से हुई पुष्टि
सोमवार को गुरुदीन खेड़ा के पास नहर पटरी एवं सरसों के खेत में बाघ होने की सूचना पर वन विभाग की टीम और डब्लूटीआइ के सदस्यों ने थर्मल डेन कैमरा से पगमार्क का परीक्षण किया। जिसमें बाघ के पगमार्क होने की पुष्टि हुई है। इसी तरह दोपहर में करझन गांव और गोहरामऊ में वन्यजीव की सूचना मिलने पर पहुंची टीम को वहां पर बाघ के पगमार्क मिले हैं।
डीएफओ (अवध) सितांशु पांडेय ने बताया कि रहमान खेड़ा व अन्य संभावित जगहों पर कैमरों से बाघ की निगरानी की जा रही है, लेकिन अभी वह कैमरे में कैद नहीं हो पाया है। दो जगहों पर पिंजरा भी लगाया है। बीते गुरुवार को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के ब्लॉक नंबर चार की पुलिया से सटे जंगल में नील गाय का शिकार करने के बाद वन विभाग ने बाघ होने की पुष्टि की थी, लेकिन उसके पगमार्क के अलावा उसकी तस्वीर कैमरे में कैद नहीं हो पाई हैं।
गुर्राहट सुनकर टूट गई नींद
रहमान खेड़ा से कुछ दूरी पर गुरुदीन खेड़ा के पास कसमंडी कला गांव निवासी आनंद साहू सोमवार सुबह साढ़े चार बजे उठे और अपनी छत पर गए, जहां उन्हें तेज गुर्राहट सुनाई दी और सात बार गुर्राहट सुनाई दी। इससे भयभीत होकर बंदर गांव की गलियों और पेड़ों में पर दुबक गए।
रविवार को भी उसके पगमार्क मिले थे, लेकिन थर्मल डेन के अलावा कैमरों में कैद नहीं हो पाया था। वन विभाग ने बाघ को ट्रैंकुलाइज (बेहोश) करने की तैयारी है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) ट्रैंकुलाइज करने की अनुमति दे चुकी हैं।
सूर्योदय से पूर्व और बाद घरों से न निकले
वन विभाग की टीम ने रहमान खेड़ा और आसपास के गांवों में लोगों से कहा है कि समूह में एकत्र होकर ही निकले। सूर्योदय से पूर्व और सूर्यास्त के बाद घरों से निकलने से बचें और मवेशियों को सुरक्षित बाड़े में बंद रखे। बच्चों को भी अकेले घर से न निकलने दें।
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