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    लखनऊ: रहमान खेड़ा में आसपास ही घूम रहा खूंखार टाइगर, पैरों के निशान मिले; दो दिनों से तलाश में वन विभाग

    Updated: Sat, 14 Dec 2024 04:40 PM (IST)

    राजधानी लखनऊ के काकोरी रहमान खेड़ा में शनिवार को फिर से बाघ के पगमार्क मिले हैं। वन अधिकारियों का मानना है कि टाइगर इस इलाके के आसपास ही मौजूद है। अभी तक कैमरे में टाइगर कैद नहीं हो पाया है। शनिवार को थर्मल ड्रोन और वाइल्ड लाइफ विशेषकों की टीम पहुंचेगी। बाघ ने शनिवार को कोई नया शिकार नहीं किया है।

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    रहमान खेड़ा में बाघ के पैरों के निशान मिले। (तस्वीर जागरण)

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। लखनऊ के काकोरी रहमान खेड़ा में उसी जगह शनिवार को फिर से टाइगर के पगमार्क मिले हैं, जहां पर गुरुवार को उसने नील गाय का शिकार किया था। वन अधिकारियों का मानना है कि टाइगर इस इलाके के आसपास ही मौजूद है। अभी कैमरे में टाइगर कैद नहीं हो पाया है।

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    शनिवार को थर्मल ड्रोन की टीम रहमान खेड़ा पहुंचेगी। इसके अलावा वाइल्ड लाइफ विशेषकों की टीम भी शाम तक पहुंच जाएगी। टाइगर ने शनिवार को कोई नया शिकार नहीं किया है। रहमान खेड़ा के जंगलों में नील गायों की भी गतिविधियां कम हो गई हैं।

    रेंज अफसर सोनम दीक्षित ने बताया कि शुक्रवार से लेकर अभी तक टाइगर ने किसी का शिकार नहीं किया है लेकिन आम लोगों को उधर जाने से रोका गया है। अभी वह कैमरे में कैद नहीं हो पाया है।

    इसे भी पढ़ें- लखनऊ: नीलगाय को खा गया बाघ, रहमान खेड़ा गांव के पास खूंखार जानवर के मूवमेंट से दहशत में लोग; लगाए गए पिंजरे

    आपको बता दें कि कई माह से वन विभाग के अधिकारी लाठी पीटते रहे और जिसे बड़ी बिल्ली बता रहे थे, वह आखिरकार बाघ ही निकला। इस बाघ ने 4 दिसंबर को दोपहर तीन बजे के करीब रहमान खेड़ा में एक नील गाय को शिकार कर लिया और उसे खा गया था। इस घटना के बाद जागे वन विभाग के अधिकारियों ने 5 दिसंबर को दो पिंजड़ा और पांच कैमरे और लगाने का निर्णय लिया था। इस घटना से काकोरी से लेकर मलिहाबाद और आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई।

    वन विभाग के अधिकारी रहमान खेड़ा के बहता नाले के पास से पिंजड़ा लगाकर हटे ही थे कि उसके कुछ देर बाद ही बाघ ने नील गाय को दबोच लिया था। यह वही जगह है, जहां पर मार्च 2012 में बाघ आया था और 109 दिन बाद उसे पकड़ा गया था।

    गांव में अभी भी दहशत का माहौल

    गांव वालों की मानें तो टाइगर ने अभी तीन से चार नील गायों का शिकार किया है। टाइगर होने के कारण मीठे नगर में दहशत का माहौल है। लोगों ने खेतों से खेतों में जाना बंद कर दिया है।

    काकोरी के रहमान खेड़ा के बाद अब वन्यजीव के पैरों के निशान पास के ही गांव करझन में दिखे थे। बुधवार को एक वीडियो प्रसारित हुआ था, जिसमें कोई वन्यजीव खेत में टहलता दिख रहा था। बाद में बाघ के होने की पुष्टि हुई थी।