यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, फर्जी डिग्री मामले में याचिका खारिज
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। फर्जी डिग्री मामले में उनके खिलाफ दाखिल याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी पहले इस याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पीड़ित पक्ष नहीं है और याचिका लाभ लेने के उद्देश्य से दायर की गई थी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लिए बड़ी राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी डिग्री मामले में उनके खिलाफ दाखिल याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद इस मामले का स्थायी पटाक्षेप हो गया है जो कि उप मुख्यमंत्री के लिए बड़ी राहत की खबर है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी थी।
जस्टिस सुधांशु धूलिया और अरविंद कुमार की खंडपीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली दिवाकर नाथ तिवारी की विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गत सात जुलाई को दिए आदेश में दिवाकर नाथ त्रिपाठी की केशव प्रसाद मौर्या पर फर्जी डिग्री का आरोप लगाने वाली पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी थी।
हाई कोर्ट ने पुनरीक्षण याचिका खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता इस मामले में पीड़ित या प्रभावित पक्ष नहीं है। याचिका दायर करने के पीछे लाभ लेने का उद्देश्य लगता है।
याचिका में FIR दर्ज करने की की थी मांग
दीवाकर नाथ त्रिपाठी ने याचिका में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पर फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ने और पेट्रोल पंप प्राप्त करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता के आरोप किसी संज्ञेय अपराध को उजागर नहीं करते हैं।
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