Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छेड़छाड़ के प्रकरण में लापरवाही के चलते एसएसपी लव कुमार हटाए गए

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Fri, 09 Sep 2016 11:31 PM (IST)

    महिलाओं के अपराध के मामले में लापरवाही पर अलीगढ़ एसएसपी लव कुमार को वहां से हटा दिया गया है। ...और पढ़ें

    Hero Image

    लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानून-व्यवस्था के दौरान सख्त चेतावनी दी थी कि महिलाओं के अपराध के मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। दो दिन बाद ही अलीगढ़ के एसएसपी लव कुमार को इसका खमियाजा भुगतना पड़ा। छात्राओं से छेड़छाड़ के प्रकरण में लापरवाही के चलते लव कुमार को हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री को अलीगढ़ मामले की जानकारी मिलते ही लव कुमार को हटाने का फरमान जारी हुआ। शासन ने शुक्रवार को दो आइपीएस अधिकारियों का तबादला करते हुए लव कुमार को डीजीपी मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया है। एटीएस के एसपी राजेश पांडेय को अलीगढ़ का एसएसपी बनाया गया है। समीक्षा बैठक के बाद तत्काल यह कार्रवाई करके शासन की ओर प्रदेश के अफसरों को यह संदेश देने की कोशिश की गयी है कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। राजेश पांडेय काफी समय तक लखनऊ के एसएसपी भी रहे हैं। एसटीएफ और एटीएस में रहते हुए उनके खाते में कई महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है। अभी हाल में आइएसआइ के एजेंटों की गिरफ्तारी में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छेड़छाड़ की शिकार युवती से दारोगा ने की छेड़छाड़, निलंबित

    छेडख़ानी प्रकरण में सांप्रदायिक रंग

    अलीगढ़ के धर्मसमाज (डीएस) डिग्री कॉलेज में छात्राओं से छेडख़ानी प्रकरण के तूल पकडऩे, मामले के सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश और समाजवादी छात्र सभा के महानगर अध्यक्ष का सिर फोडऩे के आरोपी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) नेताओं पर कड़ी कार्रवाई न करने की सजा एसएसपी लव कुमार को कुर्सी गवांकर भुगतनी पड़ी। सछास महानगर अध्यक्ष मुंतजिम किदवई ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि सरकार उनकी है और पिट भी वही रहे हैं। उनके समेत सछास जिलाध्यक्ष रंजीत चौधरी व पूर्व सछास नेता जियाउर्रहमान को कॉलेज से निलंबित भी कर दिया गया। फिर भी, पुलिस सुन रही है तो भाजपाइयों की। आरोप यह भी कि मुंतजिम पर जानलेवा हमला करने में आरोपी एबीवीपी नेता धीरज चौधरी को भाजपा सांसद सतीश गौतम अपने साथ गांधी पार्क थाने लेकर पहुंचे और सामने ही पूछताछ का दबाव बनाया। उस वक्त पुलिस ने पूछताछ नहीं की और सांसद आरोपी को थाने से लेकर चले गए। पुलिस ने उसे गिरफ्तार तक नहीं किया। मुंतजिम ने लिखा था कि प्रकरण को बेवजह सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। उसके खिलाफ छेडख़ानी के आरोप लगाकर छात्राएं पोस्टकार्ड भेज रही हैं। यह उसे और पार्टी को बदनाम करने की साजिश है। अगर 72 घंटे में गिरफ्तारी न हुई तो वह लखनऊ जाकर आत्मदाह कर लेगा।

    छेड़छाड़ से आजिज बहनों ने मंत्री के कदमों में गिरकर लगाई पिता की रिहाई की मांग

    छात्र राजनीति का तानाबाना

    मामला तूल पकड़ने पर हरकत में आई और एसएसपी को हटाने का आदेश कर दिया। हालांकि, छह अगस्त को एसएसपी ने मारपीट के आरोपी को थाने से छोडऩे की बात संज्ञान में आते ही संजीव दुबे से गांधी पार्क थाने का चार्ज छीन लिया था। संजीव दुबे को निलंबित भी कर दिया गया। दरअसल, छेडख़ानी के मामले में सछास नेताओं के नाम आने से सरकार को फजीहत झेलनी पड़ रही थी। एबीवीपी नेताओं ने डीएस, टीकाराम व एसवी डिग्र्री कॉलेज की करीब 3400 छात्राओं से सीएम को पोस्टकार्ड लिखवाकर सछास नेताओं से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री ने प्रकरण का संज्ञान लिया और शुक्रवार को कमिश्नर से लेकर डीएम-एसएसपी तक कॉलेज पहुंचे। छात्राओं ने बताया कि सछास नेता व उनके साथ आए युवकों ने मेज पीटीं, दरवाजे पर लात मारी और सीटी भी बजाई। अफसरों ने कहा, फिर तो छेड़छाड़ नहीं हुई? इस बीच, दो छात्राएं सामने आईं और सछास नेताओं पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप लगाए। पूछा भी कि क्या दुपट्टा खींचना या छूना ही छेड़छाड़ है? कमिश्नर सुभाषचंद्र शर्मा ने कहा कि छेडख़ानी का कोई मामला नहीं है। डीएम राजमणि यादव ने भी कहा कि सछास या किसी अन्य ने छात्राओं से छेडख़ानी नहीं की है। यह शासन-प्रशासन को बदनाम करने की साजिश है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।