प्रधानमंत्री आवास योजना ठगी: फर्जी स्वैप मशीन में स्कीमर लगाकर की थी ठगी
साइबर सेल की पड़ताल में सामने आया है कि जालसाज जुलाई माह के पहले सप्ताह में ही लखनऊ आ गए थे।
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। लखनऊ के कपूरथला के पास कैंप लगाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर लाखों हड़पने वाले जालसाजों ने फर्जी स्वैप मशीन का सहारा लिया था। इसके लिए आरोपियों ने स्वैप मशीन में स्कीमर लगाया था, जिससे एटीएम कार्ड स्कैन किया गया। साइबर सेल की पड़ताल में सामने आया है कि जालसाज जुलाई माह के पहले सप्ताह में ही लखनऊ आ गए थे।
सूत्रों के मुताबिक करीब एक सप्ताह पूर्व से ठगों ने प्लानिंग के तहत ठगी की तैयारी की थी। इसके लिए जालसाजों ने कपूरथला में जगह चिन्हित किया और वहां दो दिन तक डेरा डाले रहे। एटीएम स्वैप कराने के बाद भी खाते से रुपये नहीं कटने पर लोगों ने ध्यान नहीं दिया और शांत बैठे रहे।
पड़ताल में सामने आया है कि जालसाज चारबाग व आलमबाग के होटलों में ठहरे थे। पुलिस इनके ठिकानों की छानबीन कर रही है। हालांकि रविवार को छुट्टी होने के कारण पुलिस को कई जानकारियां उपलब्ध नहीं हो सकीं। साइबर सेल व अलीगंज पुलिस ने कपूरथला के आसपास सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले हैं, लेकिन उन्हें कोई ठोस सफलता नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि जालसाजों का नेटवर्क मुबई से लेकर जम्मू तक फैला हुआ है।
साइबर सेल को छानबीन में कुछ अहम सुराग मिले हैं, जिसके माध्यम से ठगों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। नोएडा व दिल्ली में ठगों के कुछ संभावित ठिकानों की पुलिस छानबीन कर रही है। साइबर सेल ने उन बैंकों से भी संपर्क किया है, जिनसे रुपये निकाले गए हैं। हालांकि बैंकों ने इस बाबत जानकारी से इनकार किया है।
राजधानी में साइबर क्राइम तेजी से पांव पसार रहा है और इसके तरीके भी अलग हैं। जालसाज रुपये निकाल रहे लोगों को बातों में उलझाकर एटीएम मशीन में बाएं ओर दिए गए तीन बटन में से किसी एक को दबा देते हैं, जिससे मशीन हैंग हो जाती है। कुछ देर बाद वहां मौजूद ठग जल्दबाजी में होने की बात बोलकर रुपये निकाल रहे व्यक्ति को बाद में ट्रांजेक्शन करने को कहते हैं। इस बीच मशीन दोबारा चालू हो जाती है और जालसाज रुपये निकाल लेते हैं।
एटीएम मशीन के कीबोर्ड पर फर्जी कीबोर्ड चिपकाकर भी ठगी के तमाम मामले प्रकाश में आए हैं। जालसाज कीबोर्ड के ऊपर एक चिप लगाने के बाद उसपर दूसरा कीबोर्ड चिपका देते हैं, जो एटीएम कार्ड की सारी जानकारी सेव कर लेता है। इसके बाद ठग एटीएम के कोड व नंबर के आधार पर ऑनलाइन खरीदारी कर खाते से रुपये निकाल लेते हैं।
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राजधानी में अक्सर लोग साइबर सेल में शिकायत करते हैं कि उनके खाते से रुपये निकाल लिए गए हैं, जबकि एटीएम कार्ड घर पर रखा हुआ है। दरअसल, जालसाज एटीएम मशीन के कार्ड रीडर प्वाइंट पर फर्जी स्कीमर सेट कर कार्ड का क्लोन तैयार करते हैं। कार्ड की सारी डिटेल ठगों के पास होती है, जिसके सहारे वह उस कार्ड का प्रयोग खरीदारी करने के बाद बिल चुकाने के लिए करते हैं।
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