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    फास्ट ट्रैक कोर्टः महिलाओं-दलितों के घाव पर न्याय का मरहम लगाने का काम तेज

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sun, 16 Apr 2017 08:26 PM (IST)

    यूपी सरकार जल्द सवा सौ फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलेगी। इनमें सौ में महिला उत्पीडऩ से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी जबकि 25 कोर्ट में दलितों के मामले सुने जाएंगे।

    फास्ट ट्रैक कोर्टः महिलाओं-दलितों के घाव पर न्याय का मरहम लगाने का काम तेज

    लखनऊ (जेएनएन)। अपने संकल्प पत्र को केंद्र में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में महिलाओं और दलितों के उत्पीडऩ से जुड़े मामलों के जल्द निस्तारण की कोशिशों में जुट गई है। इसके लिए जल्द ही सवा सौ फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले जाएंगे। इनमें सौ अदालतों में महिला उत्पीडऩ से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी, जबकि 25 कोर्ट में दलितों के मामले सुने जाएंगे। विधि एवं न्याय मंत्रालय ने इसका प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेज दिया है। पूरी योजना में लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

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    महिलाओं-दलितों के मुकदमे प्रभावित 

    प्रदेश की अदालतों पर मुकदमों का भारी बोझ है, जिससे महिलाओं ओर दलितों के मुकदमे भी प्रभावित हैं। अभी हाल में इलाहाबाद में हाईकोर्ट के डेढ़ सौवें साल की स्थापना के समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि महिलाओं, बच्चों और दलितों को न्याय दिलाने के लिए प्रदेश में फास्ट ट्रैक कोर्ट जल्द खोले जाएंगे। विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।

    महिलाओं के लिए 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट 

    महिलाओं के मामलों के लिए सौ फास्ट ट्रैक और दलितों के मामलों की सुनवाई के लिए 25 फास्ट ट्रैक कोर्ट खोली जाएगी। इनमें सवा सौ अपर जिला स्तर के न्यायाधीशों की तैनाती होगी। न्यायालयों को सक्षम बनाने के लिए 1100 कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव भी किया गया है। न्याय मंत्री ने बताया कि अदालतों में मुकदमों के अंबार की वजह से दलितों और महिलाओं के उत्पीडऩ के मामले भी कई वर्षों से अटके हुए हैं। सरकार की कोशिश उन्हें जल्द से जल्द न्याय दिलाने की होगी। इसी नजरिए से वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है।

    घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़े

    गौरतलब है कि प्रदेश में महिलाओं पर घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। 2015-2016 में ही घरेलू हिंसा के 6110 मामले पंजीकृत हुए हैं। केंद्र ने प्रदेश सरकार को न्यायिक व्यवस्था सुधारने के लिए 918 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इसमें आधी से अधिक धनराशि प्रदेश सरकार फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलने पर खर्च करने जा रही है जिसमें बाल अपराधियों को जल्द न्याय दिलाने की प्राथमिकता भी शामिल है।