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    लखनऊ एक्सप्रेस वे में हुआ करोड़ों का मुआवजा घोटाला

    By amal chowdhuryEdited By:
    Updated: Mon, 17 Apr 2017 08:33 AM (IST)

    अधिकारियों ने कृषि भूमि को आबादी में घोषित कर ज्यादा मुआवजा दे दिया, अब चकबंदी अधिकारियों समेत 27 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

    लखनऊ एक्सप्रेस वे में हुआ करोड़ों का मुआवजा घोटाला

    फीरोजाबाद (जागरण संवाददाता): आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस के निर्माण पर जहां अरबों रुपए खर्च हो गए वहीं इसमें करोड़ों रुपए का मुआवजा घोटाला भी सामने आया है। अधिकारियों ने कृषि भूमि को आबादी में घोषित कर ज्यादा मुआवजा दे दिया। अब चकबंदी अधिकारियों समेत 27 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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    मामला सिरसागंज तहसील के गांव बछेला-बछेली से जुड़ा है। एक्सप्रेस वे परियोजना में जमीन अधिग्रहण के लिए सात अक्टूबर 2013 और 30 दिसंबर 2013 को नोटिफिकेशन किया गया था। उप्र एक्सप्रेस वे डेवलपमेंट इंड्रस्ट्यिल एथॉरिटी (यूपीडा) के स्पेशल फील्ड ऑफीसर योगेश नाथ लाल की ओर से पुलिस को बताया गया है कि बैनामा के दौरान कुछ जमीन आबादी में दिखा दी गई। इससे 3.29 करोड़ रुपये अतिरिक्त मुआवजे का भुगतान करना पड़ा। डीएम नेहा शर्मा के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है।

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    इन पर मुकदमा: तत्कालीन बंदोबस्त अधिकारी, चकबंदी मैनपुरी/फीरोजाबाद, तत्कालीन सहायक चकबंदी अधिकारी फीरोजाबाद, तत्कालीन रीडर न्यायालय बंदोबस्त अधिकारी व लेखपाल आदि।

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