लखनऊ में सड़ी सब्जियों में रंग डालकर बनाया जा था रहा सॉस
सफाई की स्थिति बहुत असंतोषजनक थी संचालक को नोटिस जारी किया गया है, मौके से कई सैंपल लिए गए हैं, जिनको जांच के लिए भेजा जा रहा है। ...और पढ़ें

लखनऊ (जागरण संवाददाता)। लखनऊ में गंदगी के बीच सड़ी-गली सब्जियों से बनाया जा रहा है सॉस और विनगेर। नेचुरल कलर की जगह खतरनाक रंगों का इस्तेमाल, जो किसी की भी सेहत बिगाड़ दे। शनिवार को फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) की टीम ने आजाद नगर इलाके में डे फूड्स पर छापा मारा तो ऐसा ही कुछ नजारा मिला, जो वाकई हैरान करने वाला था। एफएसडीए ने सख्ती दिखाते हुए चार क्विंटल से अधिक तैयार माल नष्ट कराया और कई नमूने जांच के लिए सील किए।
डे फूड्स में मानकों को ताख पर रखकर वेजीटेबल सॉस, विनेगर और सिवई तैयार की जा रही थी। एफएसडीए के अधिकारी एसपी सिंह के मुताबिक यहां जांच के दौरान कई खामियां मिलीं। जिन सब्जियों और सामग्री से सॉस तैयार किया जा रहा था वह बेहद घटिया थीं।
तमाम सब्जियां सड़ चुकी थीं। इसके अलावा सफाई की स्थिति बहुत असंतोषजनक थी। संचालक को नोटिस जारी किया गया है। मौके से कई सैंपल लिए गए हैं, जिनको जांच के लिए भेजा जा रहा है। खाद्य निरीक्षक बसंत गुप्ता के मुताबिक सिवईं भी बेहद खराब हालत में रखीं थीं।
सॉस, कैचप सबसे खतरनाक: शहर की तमाम फैक्ट्रियों में इसी तरह से घटिया सॉस और दूसरे आइटम तैयार किए जा रहे हैं। अधिकांश फास्ट फूड और जंक फूड के खोमचों में टोमैटो सॉस और कैचप के नाम पर सड़ी सब्जियों, केमिकल रंग और शुगर का घोल खिलाया जा रहा है। सिंथेटिक कलर के अलावा बेसन, आरारोट व मैदा का प्रयोग कर सॉस तैयार किया जा रहा है।
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सेहत के लिए हानिकारक: डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे रंगों के इस्तेमाल से पेट से जुड़ी तमाम बीमारियां हो सकती हैं। लगातार इस तरह के खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा बना रहता है।
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