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    Sanatana Dharma Remark Row: ब्रजेश पाठक ने 'गठबंधन' पर क‍िया वार, कहा- उदयनिधि को देश से मांगनी चाह‍िए माफी

    By AgencyEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Tue, 05 Sep 2023 01:41 PM (IST)

    Sanatana Dharma Remark Row तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी। इसको लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा उन्हें (उदयनिधि स्टालिन) देश से माफी मांगनी चाहिए। पूरे गठबंधन (INDIA) की मानसिकता ही हिंदू विरोधी है। देश के लोग कभी गठबंधन के लोगों को स्वीकार नहीं करेंगे गठबंधन को देश से माफी मांगनी चाहिए।

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    उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक।- फाइल फोटो

    लखनऊ, एएनआई। Sanatana Dharma Remark Rowतमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे की सनातन धर्म को लेकर की गई विवादित टिप्पणी की उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने न‍िंदा की है। उन्‍होंने कहा, यह दुखद है और भारत के लोग कभी इसे स्वीकार नहीं करेंगे। हम इसकी निंदा करते हैं।

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    पूरे गठबंधन की मानसिकता ही हिंदू विरोधी है: ब्रजेश पाठक

    ब्रजेश पाठक ने कहा, उन्हें (उदयनिधि स्टालिन) देश से माफी मांगनी चाहिए। पूरे गठबंधन (INDIA) की मानसिकता ही हिंदू विरोधी है। देश के लोग कभी गठबंधन के लोगों को स्वीकार नहीं करेंगे, गठबंधन को देश से माफी मांगनी चाहिए।

    उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर की थी व‍िवाद‍ित ट‍िप्पणी

    बता दें, उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी। उन्होंने कहा था कि जिस तरह डेंगू और मलेरिया का विरोध नहीं किया जा सकता, उसे खत्म करना पड़ता है। उसी तरह सनातन धर्म का केवल विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे खत्म करना चाहिए।

    हिटलर से उदयनिधि की तुलना

    भाजपा ने उदयनिधि स्टालिन की तुलना जर्मन तानाशाह एडॉल्फ हिटलर से की है। भाजपा ने अपने एक्‍स (ट्विटर) हैंडल पर एक तरफ हिटलर और दूसरी तरफ उदयनिधि स्टालिन की तस्वीर पोस्ट की है, जिसमें दोनों नेताओं के मिलते-जुलते विचार लिखे हुए है।

    सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

    उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए बयान पर विवाद गहराता जा रहा है। 262 शख्सियतों ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर मामले में दखल देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि उदयनिधि स्टालिन द्वारा दिए गए नफरत भरे भाषण का स्वत: संज्ञान लिया जाए। यह भाषण सांप्रदायिक हिंसा को भड़का सकता है।