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राजीव कुमार प्रथम बने प्रदेश के 51वें मुख्य सचिव, जन्मदिन पर तोहफा

योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यभार संभालने के करीब सौ दिन बाद अपना मुख्य सचिव बदला है। उत्तर प्रदेश के नये मुख्य सचिव राजीव कुमार ने आज अपना कार्यभार ग्रहण किया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 29 Jun 2017 01:37 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jun 2017 10:40 AM (IST)
राजीव कुमार प्रथम बने प्रदेश के 51वें मुख्य सचिव, जन्मदिन पर तोहफा
राजीव कुमार प्रथम बने प्रदेश के 51वें मुख्य सचिव, जन्मदिन पर तोहफा

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही मुख्य सचिव की तैनाती को लेकर चल रही कशमकश कल समाप्त हो गई। सरकार ने राहुल भटनागर को हटाकर 1981 बैच के आइएएस अधिकारी राजीव कुमार प्रथम को मुख्य सचिव बना दिया।

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बुलंदशहर निवासी और वरिष्ठता सूची में नंबर दो राजीव उत्तर प्रदेश के 51वें मुख्य सचिव होंगे। कल राजीव समेत 44 आइएएस अफसरों को नई तैनाती दी गई।

विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के नेता तथा कार्यकर्ता मुख्य सचिव और डीजीपी को हटाने की लगातार मांग कर रहे थे लेकिन, भटनागर तीन माह से ज्यादा समय तक मुख्य सचिव बने रहे। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे राजीव कुमार के मुख्य सचिव होने की चर्चा शुरुआती दौर से ही चल रही थी और परसों यहां ज्वाइनिंग देने के बाद ही साफ हो गया कि वही नए मुख्य सचिव होंगे। 

उन्होंने शास्त्री भवन के मुख्य सचिव कार्यालय में कल दोपहर राहुल भटनागर से कार्यभार ग्रहण किया। पिछले वर्ष 13 सितंबर को अखिलेश सरकार ने भटनागर को मुख्य सचिव बनाया था। 

सरकार ने रखा वरिष्ठता का ख्याल

मुख्य सचिव की तैनाती में सरकार ने वरिष्ठता का ख्याल रखा है। राजीव उत्तर प्रदेश कैडर के प्रदेश में कार्यरत आइएएस अफसरों में दूसरे नंबर पर हैं। उनसे वरिष्ठ 1980 बैच के शैलेश कृष्ण हैं लेकिन, उनका स्वास्थ्य नहीं ठीक है। इसी वर्ष शैलेश को सेवानिवृत्त भी होना है। राज्य सरकार के अनुरोध पर जहाजरानी मंत्रालय में सचिव राजीव कुमार को समय से पहले ही केंद्र सरकार ने वापस भेजने की मंजूरी दे दी। इससे पहले 1983 बैच के राहुल भटनागर को कई वरिष्ठ अफसरों की अनदेखी कर मुख्य सचिव बनाया गया था। 

राजीव को जन्म दिन का उपहार 

राजीव कुमार ने कल  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। कल राजीव का जन्म दिन था। मुलाकात में मुख्यमंत्री ने उन्हें मुख्य सचिव पद पर तैनात किए जाने की जानकारी दी और प्रदेश को तेजी से विकास के पथ पर ले जाने की अपेक्षा की। राजीव के लिए यह पद जन्मदिन का तोहफा माना जा रहा है। 28 जून 1958 को जन्मे राजीव जून 2018 में सेवानिवृत्त होंगे। उनके पास काम करने का करीब एक वर्ष का मौका रहेगा। 

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डीएम-एसपी मिलकर करें काम 

मुख्य सचिव राजीव कुमार ने कहा है कि प्रदेश और केंद्र की किसी भी योजना में वह रुकावट नहीं आने देंगे। प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए उन्होंने डीएम-एसपी से मिलकर काम करने की अपेक्षा की है। साथ ही हिदायत दी है कि हल्के के थानेदार को जवाबदेह बनाकर प्रशासनिक अफसर शांति का मार्ग प्रशस्त करें। कार्यभार संभालने के बाद शास्त्री भवन में भाजपा के संकल्प पत्र के अनुपालन का संकल्प दोहराते हुए राजीव ने कहा कि जनता को सभी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। राजनीतिक हस्तक्षेप के सवाल पर बोले कि यह तो संविधान का अंग है लेकिन, जो सही होगा उसे नियमानुसार किया जाएगा। अगर कोई कार्य संभव नहीं है तो विनम्रता पूर्वक बता दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इतनी लंबी सेवा में मुझे कभी कोई दिक्कत नहीं हुई और न ही मैंने हस्तक्षेप महसूस किया।

देखें तस्वीरें : जन्मदिन पर राजीव कुमार को मुख्य सचिव पद का तोहफा

मुख्य सचिव ने कहा कि जो शासन की प्रतिबद्धता है उसे गति देने और आम जनता को अधिकाधिक लाभ पहुंचाने का दायित्व हमारा है। उन्होंने उद्योग के क्षेत्र में संभावनाएं जतायीं। कहा, रोजगार ऐसा विषय है जो सबके लिए प्राथमिकता पर है।

36 साल की सेवा और लखनऊ से जुड़ाव 

राजीव कुमार के पास 36 वर्ष की सेवा का अनुभव है। इस अनुभव के जरिए वह खुशहाली की राह प्रशस्त करेंगे। प्रदेश के बुलंदशहर के निवासी राजीव कुमार की पढ़ाई लखनऊ में हुई है। इसलिए लखनऊ से उनका गहरा जुड़ाव है। कुमार ने इसे व्यक्त भी किया 'मैं यहीं पढ़ा-लिखा हूं और यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुखिया के रूप में मुझे काम करने का सुअवसर मिला है। राजीव ने जुबिली इंटर कालेज लखनऊ से शिक्षा ग्रहण करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान में एम-एससी किया। उन्होंने हॉवर्ड विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (एमपीए) की भी शिक्षा ग्रहण की।

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भारत सरकार के मंत्रालय में संयुक्त सचिव, अपर सचिव, विशेष सचिव पेट्रोलियम तथा जहाजरानी मंत्रालय में सचिव का दायित्व निभा चुके राजीव ने उप्र में सेवाएं दी हैं। वह सहारनपुर और मेरठ मंडल के आयुक्त भी रह चुके हैं। मथुरा और फीरोजाबाद के जिलाधिकारी के अलावा वह सचिव औद्योगिक विकास एवं प्रबंध निदेशक उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम, कानपुर एवं निदेशक सूडा के भी पद पर रहे हैं। प्रशिक्षण के बाद 25 जून 1982 को सहायक मजिस्ट्रेट मीरजापुर, से उन्होंने अपनी सेवा शुरू की। फिर कानपुर देहात में एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, अलीगढ़ में सिटी मजिस्ट्रेट, उद्योग विभाग में अनुसचिव, संयुक्त सचिव, पिकप में उप निदेशक प्रबंधन, नियुक्ति विभाग में संयुक्त सचिव समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।

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