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    सात मीटर चौड़ी सड़कों पर भी स्थापित हो सकेंगे निजी औद्योगिक पार्क, उत्तर प्रदेश सरकार ने नियमों में किया बदलाव

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 11:40 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी औद्योगिक पार्कों को बढ़ावा देने के लिए नियमों में बदलाव किया है। अब 7 मीटर चौड़ी सड़कों पर भी ग्रीन और ऑरेंज श्रेणी के उद्योग स्थापित हो सकेंगे। अधिसूचित क्षेत्रों में 25% विकास शुल्क लगेगा, जबकि बाहर यह शुल्क नहीं लगेगा। सरकार आंतरिक विकास के लिए प्रोत्साहन राशि भी देगी।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य में निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए प्लेज-निजी औद्योगिक पार्क योजना में प्रथम संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके तहत अब 12 मीटर चौड़ी सड़क की शर्त को कम करके सात मीटर कर दिया गया है।

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    अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि सात मीटर चौड़ी सड़कों के किनारे स्थित निजी औद्योगिक पार्कों में प्रदूषण न फैलाने वाले उद्योग (ग्रीन व आरेंज श्रेणी के उद्योग) ही स्थापित किए जाएंगे। साथ ही सड़क के किनारे 1.5 मीटर का फुटपाथ जरूरी है।

    औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार द्वारा जारी अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 12 मीटर चौड़ी सड़कों के किनारे बनने वाले निजी औद्योगिक पार्कों में हर श्रेणी की औद्योगिक इकाईयां स्थापित की जा सकेंगी।

    वहीं, विकास प्राधिकरणों द्वारा अधिसूचित क्षेत्र में स्थापित होने वाले औद्योगिक क्षेत्रों से 25 प्रतिशत विकास शुल्क वसूला जाएगा, जबकि अधिसूचित क्षेत्रों के बाहर विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा। अधिसूचित क्षेत्रों में औद्योगिक पार्कों का नक्शा संबंधित विकास प्राधिकरण द्वारा पास किया जाएगा, इससे बाहर के क्षेत्रों में उद्योग विभाग के निदेशक या उनके द्वारा नामित अधिकारी नक्शा पास करेंगे।

    संबंधित जिलाधिकारी के मूल्यांकन के बाद औद्योगिक पार्क को एक इकाई मानकर स्टांप शुल्क लिया जाएगा। 10 से 50 एकड़ में निजी औद्योगिक पार्कों के आंतरिक विकास के लिए 50 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से एक प्रतिशत ब्याज पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

    औद्योगिक पार्क की 10 प्रतिशत भूमि पर होटल, रेस्टोरेंट, जलपान गृह, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग केंद्र, पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, बैंक, चिकित्सालय, कौशल विकास केंद्र व जन सुविधा केंद्र की सुविधा उपलब्ध करानी होगी।

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