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    संभल में 30 हजार स्मार्ट मीटर हुए प्रीपेड, अब औद्योगिक इकाइयों में भी लगेंगे

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 04:10 PM (IST)

    संभल जनपद में बिजली विभाग ने 60 हजार स्मार्ट मीटर लगाए हैं, जिनमें से 30 हजार प्रीपेड हो चुके हैं। विभाग का दावा है कि इससे बिलिंग में पारदर्शिता आई है। दिसंबर 2026 तक पूरे जनपद में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है। अब औद्योगिक इकाइयों में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जिससे राजस्व में वृद्धि होगी। उपभोक्ताओं की संतुष्टि के लिए सब-मीटर भी लगाए जा रहे हैं।

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    जागरण संवाददाता, संभल। जनपद में बिजली उपभोक्ताओं की बिलिंग व्यवस्था तेजी से प्रीपेड माडल की ओर बढ़ रही है। जिले में अब तक लगाए गए 60 हजार स्मार्ट मीटरों में से 30 हजार मीटर स्वतः प्रीपेड श्रेणी में पहुंच चुके हैं। विभागीय दावा है कि इससे बिजली उपभोग और बिलिंग दोनों में पारदर्शिता बढ़ी है।

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    ऊर्जा विभाग इसे स्मार्ट मीटरिंग अभियान की महत्वपूर्ण उपलब्धि बता रहा है, हालांकि साढ़े तीन लाख कनेक्शनों के निर्धारित लक्ष्य की तुलना में इंस्टालेशन की रफ्तार अभी भी काफी पीछे है। विभाग का कहना है कि स्थानीय विरोध और सीमित मीटर सप्लाई कार्य में देरी के मुख्य कारण हैं, लेकिन आने वाले महीनों में अभियान में तेजी लाने की तैयारी जोर पकड़ रही है।

    विभागीय अधिकारियों के अनुसार, स्मार्ट मीटर इंस्टाल होने के दो माह बाद स्वतः प्रीपेड मोड में परिवर्तित हो जाते हैं। प्रीपेड प्रणाली से उपभोक्ताओं को खपत के अनुरूप रिचार्ज करने की सुविधा मिलती है, जिससे बकाया बिल की समस्या लगभग समाप्त हो जाती है। वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं की संतुष्टी के लिए पांच से छह प्रतिशत उपभोक्ताओं के घरों में सब-मीटर लगाए जा रहे हैं। अब तक लगभग 3500 के आसपास लगाए जा चुके हैं पर यूनिट रीडिंग में अंतर नहीं मिला है।

    अब तक 20 प्रतिशत तक ही लग पाए हैं मीटर

    पहले फेज में संभल-सिरसी में 60 हजार, चंदौसी, बहजोई और नरौली में 50 हजार और गुन्नौर, गवां व बबराला में 20 हजार मीटर लगने हैं। लेकिन अभी काम धीमे चल रहा है। विभाग के अनुसार दिसंबर 2026 तक पूरे जनपद में स्मार्ट मीटर लगाने का टार्गेट है पर अभी ये मुश्किल लग रहा है। इसके पीछे दो मुख्य कारण है।

    पहला है बहुत सी जगह पर लोग स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए तैयार नहीं होते हैं, जिसके कारण कार्य प्रभावित होता है। वहीं दूसरा कारण है कि मीटर निर्माता कंपनी से सप्लाई सीमित है। साथ ही मीटर की तीन स्टेजों में जांच होती है उसमें भी देरी होती है। हालांकि सप्लाई बढ़ने और स्थानीय स्तर पर विरोध कम होने के बाद मीटर इंस्टालेशन का कार्य काफी हद तक रफ्तार पकड़ लेगा।

    औद्योगिक इकाइयों पर भी लगेंगे स्मार्ट मीटर

    स्मार्ट मीटर के इंस्टालेशन कार्य को गति देने के लिए अब तक प्राथमिकता के आधार पर टाउनशिप, कालोनियों और मुख्य मार्गों के घरों में तेजी से मीटर लगाए जा रहे हैं।

    इसके अलावा आगामी चरण में औद्योगिक इकाइयों को भी स्मार्ट मीटर दायरे में लाने का निर्णय लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि उद्योगों में स्मार्ट मीटर लगने से खपत का सटीक विश्लेषण होगा, लाइन लास में कमी आएगी और राजस्व संग्रह भी बढ़ेगा।

    स्मार्ट मीटर को लेकर काम तेजी से चल रहा है। जिले भर में 50-55 टीमें इंस्टालेशन का काम कर रही हैं। पहले लोगों में जागरूकता कम थी, अब लोग जागरूक हो रहे हैं। इससे काम में तेजी आएगी। स्मार्ट मीटर से गलत बिल निकली की बातें सिर्फ अफवाह हैं। फिर भी किसी को कोई दिक्कत हो तो वह कार्यालय आकर मिल सकता है।

    - विकास भटनागर, अधीक्षण अभियंता