दैनिक जागरण के अभियान का सकारात्मक असर, अब स्कूल भवनों के बहुरेंगे दिन; बच्चों को मिलेगी सुरक्षित छत
दैनिक जागरण के कितने सुरक्षित हैं स्कूल अभियान के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने 1033 विद्यालयों की मरम्मत और 557 के पुनर्निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जर्जर भवनों को ध्वस्त करने के निर्देश दिए हैं। प्रोजेक्ट अलंकार के तहत एडेड माध्यमिक विद्यालयों की मरम्मत का रास्ता भी साफ हो गया है। जनप्रतिनिधियों ने भी सहयोग का आश्वासन दिया है।

जागरण टीम, लखनऊ। "दैनिक जागरण" के अभियान ‘कितने सुरक्षित हैं स्कूल’ (31 जुलाई से 09 अगस्त) का सकारात्मक असर हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग ने 1,033 विद्यालय भवनों की मरम्मत और 557 भवनों के पुनर्निर्माण पर 150 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य तय किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका संज्ञान लेते हुए परिषदीय विद्यालयों के जर्जर भवनों को ध्वस्त करने के निर्देश दिए हैं। बरसात बाद मरम्मत और निर्माण में तेजी आएगी। सात अगस्त को कैबिनेट ने प्रोजेक्ट अलंकार की नियमावली सरल कर दी है, जिससे प्रदेश के तीन हजार एडेड माध्यमिक विद्यालयों के जर्जर भवनों की मरम्मत का रास्ता साफ हो गया है।
अपने समाचारीय अभियान के तहत "दैनिक जागरण" ने दो हजार से अधिक स्कूलों की पड़ताल सामने रखी। 250 से अधिक विधायकों, मंत्रियों व अन्य जनप्रतिनिधियों ने विद्यालय संवारने को हाथ बढ़ाए।
ध्वस्तीकरण और मरम्मत के काम भी शुरू हो गए हैं। लखनऊ, अयोध्या, देवीपाटन मंडल के 14 जिलों में 562 स्कूलों में पढ़ने वाले 45 हजार बच्चों की सुरक्षा पड़ताल की गई। इसका व्यापक असर रहा और हरदोई में सांसदों ने पांच-पांच स्कूल गोद लिए तो चार चीनी मिलों ने दो-दो स्कूल गोद लिए।
लखनऊ सहित लगभग सभी जिलों में विधायकों, सांसदों और मंत्रियों ने अपनी निधि से स्कूलों की दशा सुधारने का आश्वासन दिया। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा के अनुसार, नए सिरे से सर्वे कर और भी जर्जर भवनों की पहचान की जा रही है।
मेरठ व आसपास के सात जिलों के 200 स्कूलों की परख की गई। मेरठ में जिलाधिकारी डा. वीके सिंह ने चिह्नित 131 जर्जर स्कूलों में कक्षाएं बंद करा दी हैं। मरम्मत होने तक इनके बच्चे ग्राम पंचायत सचिवालय, ग्राम पंचायत सचिव कार्यालय एवं सार्वजनिक भवन में पढ़ेंगे। इस क्षेत्र के सभी विधायकों-सांसदों ने दो-दो स्कूलों की जिम्मेदारी ली है।
कानपुर और आसपास के 12 जिलों में करीब 300 स्कूलों के जर्जर होने की खबरें प्रकाशित की गईं। यहां राजकीय व अनुदानित 53 स्कूलों पर काम का प्रस्ताव आया। बुंदेलखंड के पांच जिलों में 250 से ज्यादा जर्जर स्कूल चिह्नित हुए।
उन्नाव और इटावा में प्रशासन ने चौदह स्कूलों में काम कराने का वादा किया है। कानपुर देहात में 152 चिह्नित स्कूलों में चार में विधायक काम कराएंगे। औरैया में 212 और फर्रुखाबाद में 415 स्कूल खराब हालत में पाए गए हैं। सांसद और चार विधायकों ने एक-एक स्कूल गोद लिया है।
आगरा में 250 से ज्यादा, मथुरा में 389 जर्जर स्कूल हैं। विधायकों ने यहां भी पहल की है। फिरोजाबाद के 84 स्कूलों में मरम्मत शुरू की गई। सपा के दो विधायकों ने निधि देने की घोषणा की है। मैनपुरी में 196 जर्जर स्कूल हैं। एटा, कासगंज में 361 जर्जर स्कूल हैं। यहां कई जगह मरम्मत का काम शुरू हो गया है।
अलीगढ़ व हाथरस में 50 जर्जर स्कूलों को अभियान के तहत कवर किया गया। हाथरस में 106, अलीगढ़ में 162 जर्जर भवन का सर्वे हो चुका है। यहां 78 स्कूल भवनों को ध्वस्त कर निर्माण होगा। अतरौली विधायक व शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि क्षेत्र के जर्जर स्कूलों की सूची तैयार कराई जा रही है। क्षेत्र के एक दर्जन विधायकों ने निधि देने या अन्य व्यवस्था से भवन बनवाने की घोषणा की है। बरेली मंडल के 54 सरकारी स्कूलों की ग्राउंड रिपोर्ट प्रकाशित की गई। जनप्रतिनिधियों ने 28 स्कूलों के पुनर्निर्माण एवं मरम्मत की जिम्मेदारी ली है।
शाहजहांपुर जिले के जनप्रतिनिधियों ने 13 स्कूलों के पुनर्निर्माण में बजट खर्च करने पर सहमति जताई। बरेली में सात, बदायूं और पीलीभीत में चार-चार स्कूलों की दशा सुधारने की पहल की गई।
मुरादाबाद मंडल में जनप्रतिनिधि 128 जर्जर स्कूलों का पुनर्निर्माण कराएंगे। वहीं, संभल में जिला पंचायत ने 105 परिषदीय स्कूलों में नए शौचालय बनाने के लिए 7.70 करोड़ रुपये बजट भी जारी कर दिया।
आजमगढ़, मीरजापुर और वाराणसी के 10 जिलों में 198 जर्जर प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर सामने रखी गई। सभी मंडल के जिलों में विधायक-सांसदों ने गोद लेने या सहयोग कराने की बात कही है।
"कितने सुरक्षित हैं स्कूल" अभियान के तहत प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशांबी में 65 स्कूलों की स्थिति का विवरण प्रस्तुत किया गया। इनमें जनप्रतिनिधियों द्वारा 43 विद्यालयों को गोद लेकर संवारने की पहल शुरू कर दी गई है। प्रयागराज में 13 विद्यालयों को ठीक करने की कवायद शुरू हो चुकी है। प्रतापगढ़ में सात में से चार विधायकों ने पांच-पांच स्कूल गोद लेने की बात कही है।
कौशांबी में विधायकों द्वारा 10 विद्यालयों को गोद लेकर जीर्णोद्धार की पहल की गई। कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने सर्वाधिक 61 स्कूलों की सूरत बदलवाने का संकल्प लिया है। योगी मंत्रिमंडल के अन्य मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी, जयवीर सिंह, अनिल राजभर, दयाशंकर सिंह, रवींद्र जायसवाल, गिरीश यादव, संजीव कुमार गौड़ व अन्य ने भी पहल की है।
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