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    साल 2025 में बदलेगी ग्रहाें की चाल, इन राशियों पर पड़ेगा गह‍रा प्रभाव, ज्‍योत‍िषाचार्य से समझें सब कुछ...

    नया साल शुरू होने में अब कुछ ही दिन बाकी रह गया है। ज्‍योत‍िषाचार्य बताते हैं क‍ि नए साल में गुरु शन‍ि राहु और केतु जैसे बड़े ग्रह बदलाव करेंगे। जिसका प्रभाव आम लोगों की राशियों पर भी पड़ेगा। नए साल में कुल चार ग्रहण पड़ेंगे। 14 मार्च को चंद्र ग्रहण होगा तो भारत में अदृश्य होगा। धार्मिक दृष्टि से इसका कोई प्रभाव नहीं है।

    By Jitendra Kumar Upadhyay Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Sun, 29 Dec 2024 08:16 AM (IST)
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    अगले साल से ग्रहों में होगा बदलाव।

    जितेंद्र उपाध्याय, लखनऊ। आने वाले साल में ग्रहाें में बदलाव होगा। जिसका प्रभाव आम लोगों की राशियों पर भी पड़ेगा। वर्ष में कई सूर्य ग्रहण व चंद्र ग्रहण भी पड़ेंगे। साल 2025 की शुरुआत में शनि, राहु-केतु और गुरु चार ग्रहों का गोचर होगा। ऐसे में ये चारों ग्रह मिलकर सभी राशियों को प्रभावित करने वाले हैं।

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    आचार्य एसएस नागपाल ने दैन‍िक जागरण से बात करते हुए बताया कि 29 मार्च 2025 को शनि अपनी स्वराशि कुंभ से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। शनि किसी एक राशि में लगभग ढाई साल रहते हैं। शनि अभी कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि के कुंभ राशि में रहने के कारण मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती चल रही है।

    29 मार्च तक रहेगी ढैय्या

    कर्क और वृश्चिक राशि वालो पर ढैया चल रही है जो 29 मार्च 2025 तक रहेगी। शनि 29 मार्च 2025 को कुंभ राशि से निकल कर मीन राशि में प्रवेश करेंगे, तब मकर राशि की साढ़े साती से और कर्क और वृश्चिक राशि वाले ढैय्या से मुक्त हो जाएंगे। वहीं कुंभ, मीन और मेष राशि वालों पर शनि की साढ़े साती चलेगी और सिंह और धनु राशि वालो पर ढैया चलेगी।

    डेढ़ साल तक एक राशि में रहते राहु-केतु

    इसके बाद 18 मई 2025 को राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में पहुंचेंगे और केतु सिंह राशि में गोचर करेंगे। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि राहु केतु एक राशि में डेढ़ वर्ष रहते हैं और वक्रीय (उल्टा) चलते हैं। गुरु करीब 12-13 महीनों तक एक राशि में रहते हैं, लेकिन साल 2025 में गुरु अतिचारी (तीव्र गति) होकर तीन बार राशि परिवर्तन करने वाले हैं।

    साल 2025 में गुरु 14 मई को मिथुन राशि में गोचर करेंगे। मिथुन राशि में देवगुरु बृहस्पति 17 अक्टूबर तक रहेंगे 18 अक्टूबर को गुरु कर्क राशि में गोचर करेंगे। फिर इसी वक्री अवस्था में रहते हुए पांच दिसंबर को मिथुन राशि में एक बार फिर से प्रवेश करेंगे। कुंभ राशि का राहु तकनीक पर जोर देगा।

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    सिंह राशि का केतु अहंकार से अलग करके आध्यात्मिक दुनिया में लेकर के जाएगा और मिथुन राशि का बृहस्पति सीखने और सामाजिक विकास को बढ़ावा देगा। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि अंक शास्त्र के अनुसार 2025 का जोड़ नौ बनता है जो क‍ि ग्रहों के सेनापति मंगल के द्वारा शासित हैं।

    सेना की कार्यवाही बढ़ जाएगी

    मंगल क्रिया, साहस, पराक्रम और ऊर्जा का ग्रह है। ऐसे में नए साल में दुनिया में सेना की कार्यवाही बढ़ जाएगी। राष्ट्र अध्यक्षों के पास साहस और पराक्रम पहले से कहीं अधिक होगा। समस्याओं से निपटने और साहसिक कदम उठाने के लिए सरकार प्रेरित होंगी। ग्रहों के गोचर के प्रभाव से व्यापार में तेजी आएगी।

    देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी। सामुद्रिक तूफान, बाढ़, भूस्खलन की घटनाएं हो सकती हैं। बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है। देश की कुंडली वृष, लग्न और कर्क राशि की है। सरकार के राजस्व में वृश्चिक के संकेत हैं, तो वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर, विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में भी प्रगति होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

    नए साल में पड़ेंगे चार ग्रहण

    आपको बता दें क‍ि नए साल में कुल चार ग्रहण पड़ेंगे। 14 मार्च को चंद्र ग्रहण होगा तो भारत में अदृश्य होगा। धार्मिक दृष्टि से इसका कोई प्रभाव नहीं है। 29 मार्च को सूर्यग्रहण होगा। यह भी अदृश्य होगा और कोई धार्मिक महत्व नहीं है। सात सितंबर को खग्रास चंद्रग्रहण पूरे देश में दिखेगा। 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण होगा जो नहीं दिखेगा।

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