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उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र: विधान परिषद के बाद विधानसभा की कार्यवाई भी कल तक के लिए स्थगित

विधान परिषद में बिजली के बिल में भारी बढ़ोतरी का सपा व बहुजन समाज पार्टी ने जोरदार विरोध किया। इसके बाद विधानसभा में भी इसके विरोध के कारण कार्यवाही आज तक के लिए स्थगित कर दी गई।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 09:53 AM (IST)Updated: Thu, 14 Dec 2017 02:51 PM (IST)
उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र:  विधान परिषद के बाद विधानसभा की कार्यवाई भी कल तक के लिए स्थगित
उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र: विधान परिषद के बाद विधानसभा की कार्यवाई भी कल तक के लिए स्थगित

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के विधानमंडल का पहला शीतकालीन सत्र आज पहले दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। विधान परिषद में बिजली के बिल में भारी बढ़ोतरी का समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी ने जोरदार विरोध किया। इसके बाद विधानसभा में भी इसके विरोध के कारण कार्यवाही आज तक के लिए स्थगित कर दी गई। उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर तक चलेगा। इसमें अनुपूरक बजट के अलावा यूपीकोका जैसे विधेयक भी पारित होंगे। 

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उत्तर प्रदेश विधानमंडल के आज से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के पहले दिन का पहला सत्र ही हंगामे की भेंट चढ़ गया। इसके कारण विधान परिषद का पहला सत्र स्थगित कर दिया। इसके बाद विधानसभा में भी काफी शोरशराबा होने लगा। दिन में 12 बजे के बाद विधान परिषद की कार्यवाही एक बार फिर से शुरू तो हो गई लेकिन हंगामा लगातार बढ़ता देख सभापति ने विधान परिषद की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया है। 

विपक्ष के हंगामे और 15 मिनट के स्थगन के बाद विधानसभा की कार्यवाही को दोबारा शुरू किया गया था। जिसके बाद योगी सरकार ने सदन में विधेयकों को पेश किया। योगी सरकार ने हंगामे के बीच विधानसभा के पटल पर दो विधेयक रखे। जिनमें से एक विधेयक प्रयागराज मेला प्राधिकरण अध्यादेश और सहकारी समिति संशोधन अध्यादेश को पटल पर रखा गया।

विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने बिजली की दरों को बढ़ाने के लिए जोरदार हंगामा किया। इनके साथ ही बहुजन समाज पार्टी के भी नेता हंगामा करने लगे। बिजली की बढ़ी दरों को लेकर विपक्ष का परिषद में जमकर हंगामा हुआ। सपा सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। 

इसके बाद प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता अपनी गलती छुपाने के लिए सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। हमने बिजली की दरें जरूर बढ़ाई हैं, लेकिन गांव और शहरों में निबार्ध बिजली की आपूर्ति की जा रही है।

इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भी हंगामा होने लगा। उस समय मुख्यमंत्री भी सदन में मौजूद थे। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया। समाजवादी पार्टी ने नेता विधायक दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। अपने प्रदेश की स्थिति भी वही है। यहां पर किसान के कर्ज की माफी की बात कही गई थी लेकिन सिर्फ लघु किसान के कर्ज भी आधे ही माफ किये गए। लखनऊ कांग्रेस विधान मंडल दल नेता अजय सिंह लल्लू ने कहा कि आज पहले दिन बढ़े हुए बिजली दामों को लेकर नियम 311 पर चर्चा कराए जाने को लेकर नोटिस दिया था लेकिन बात नही रखने दी गई। 

विधानसभा में बसपा नेता लालजी वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार संक्लप पत्र में किये वायदे अभी तक नही पूरी कर पाई है। ऐसे में बिजली के दाम बढ़ा देना जनता के साथ विश्वासघात है। हमने 311 नियम के तहत चर्चा कराए जाने को लेकर नोटिस दिया है, लेकिन मुझे अवसर नही मिला। हम सरकार को मजबूर करेंगे कि, बढ़ी हुई बिजली की दरों को जनता हित में वापिस ले। कानून व्यवस्था पूरी तरह से प्रदेश में ध्वस्त है। अपराध का प्रतिशत बढ़ा है हर मामले में सरकार फेल है।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि यूपीकोका से कानून का हाथ मजबूत होगा। विपक्ष ने इसको ढंग से पढ़ा नही है। इसके लागू होने से अपराधियों पर लगाम लगेगी। यहां यूपीकोका का वही लोग विरोध कर रहे है जिन्होंने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को अव्यवस्थित किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन को चलने नही दे रहा है। दोनों सदन में हंगामा कर रहे है। भाजपा का हर नेता सकारात्मक जवाब देना चाहता है, लेकिन विपक्ष का नकरात्मक रवैया है। 

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जैसा की पहले ही माना जा रहा था कि विपक्ष बिजली दर वृद्धि, बिगड़ी कानून व्यवस्था, किसान कर्ज माफी, नगर निकाय चुनाव में गड़बड़ी व महंगाई आदि मुद्दों को विपक्ष पहले ही दिन उठाएगा। पहले दिन विपक्ष के नेता हावी हो गए। 

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उधर, सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कल सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से सहयोग मांगा था। उन्होंने कहा, वाणी व व्यवहार के स्तर पर कार्यवाही मर्यादित व लोकतांत्रिक वातारण में संचालित हो। मुख्यमंत्री व भाजपा नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने भी कल व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप से बचने की सलाह दी। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने सदन चलाने में पूरी मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि सत्ता पक्ष भी विपक्ष को आईने की तरह देखें।


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