यूपी कांग्रेस कमेटी से पुराने निष्ठावान कार्यकर्ताओं के नाम नदारद, इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही लिस्ट
UP Congress Committee यूपी कांग्रेस के पदाधिकारी तक रहे कार्यकर्ताओं को भी पीसीसी के नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची में जगह नहीं मिली है। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव और प्रदेश प्रवक्ता रहे द्विजेन्द्र त्रिपाठी का नाम भी पीसीसी में शामिल न होना तमाम पार्टी कार्यकर्ताओं को चौंका दिया है।
UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। अरसे से कांग्रेस के सिपाही और लखनऊ पश्चिम से पार्टी के विधायक रहे श्याम किशोर शुक्ला 1980 से प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के सदस्य रहे लेकिन इस बार जब पीसीसी की नई सूची जारी हुई तो उसमें उन्हें जगह नहीं मिली।
सिर्फ श्याम किशोर शुक्ला ही नहीं, पीसीसी के नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची से पार्टी के तमाम पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं के नाम नदारद हैं। पीसीसी के नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची अधिकृत तौर पर तो जारी नहीं की गई है लेकिन इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रही इस लिस्ट में कांग्रेस के कई पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं के नाम नहीं हैं। यह वे चेहरे हैं जो पिछली बार तक गठित रही पीसीसी के सदस्य रह चुके हैं।
कई पुराने कार्यकर्ताओं के नाम नहीं
रीता बहुगुणा जोशी, निर्मल खत्री और राज बब्बर के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते उनकी कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष रहे बलिया के दिग्विजय सिंह इस बार पीसीसी में जगह पाने में नाकाम रहे। यही हाल गोंडा के सत्यदेव सिंह का रहा। रीता बहुगुणा जोशी, निर्मल खत्री और राज बब्बर के नेतृत्व वाली प्रदेश कार्यकारिणी में वह महासचिव रह चुके हैं लेकिन इस बार वह पीसीसी में स्थान पाने के लायक नहीं रहे।
द्विजेन्द्र त्रिपाठी का नाम भी पीसीसी में नहीं
गाजीपुर की जहूराबाद सीट के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह की गिनती पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में होती है लेकिन पीसीसी की नई सूची से वह भी बेदखल हो गए। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव और प्रदेश प्रवक्ता रहे द्विजेन्द्र त्रिपाठी का नाम भी पीसीसी में शामिल न होना तमाम पार्टी कार्यकर्ताओं को चौंका गया। पिछली बार खलीलाबाद से पीसीसी सदस्य निर्वाचित हुए पूर्व प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र मदान का नाम नई कमेटी के सदस्यों में शामिल न होने पर भी कार्यकर्ताओं को अचरज हुआ है।
चुनाव लड़ने वालों के नाम शामिल
पिछले पांच बार से पीसीसी के सदस्य रहे कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कृष्णकांत पांडेय को इस बार जगह नहीं मिल सकी। प्रदेश कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विभाग के अध्यक्ष और पार्टी के प्रदेश महासचिव रहे चौधरी अखिलेश सिंह पिछले पांच बार से पीसीसी के सदस्य थे लेकिन इस बार वह पीसीसी के 1247 नवनिर्वाचित सदस्यों में स्थान नहीं पा सके। वहीं कांग्रेस के टिकट पर अठारहवीं विधान सभा का चुनाव लड़ने वाले ज्यादातर प्रत्याशी पीसीसी के नवनिर्वाचित सदस्यों में शामिल हैं। इनमें बहुत बड़ी संख्या उन लोगों की भी है जो विधान सभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में बनेंगे मतदाता
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में पीसीसी के निर्वाचित सदस्य और कांग्रेस के जिला व शहर अध्यक्ष मतदाता की भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ जाने के बावजूद पीसीसी के निर्वाचित सदसयों की सूची को सार्वजनिक न किये जाने पर पार्टी के तमाम कार्यकर्ता इसमें हेरïफेर की आशंका जता रहे हैं। इस बाबत पूछने पर प्रदेश कांग्रेस के सचिव (संगठन) अनिल यादव ने कहा कि पीसीसी सदस्यों की सूची सार्वजनिक नहीं की जाती है। यह चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को दी जाती है ताकि वे इसके माध्यम से मतदाताओं से संपर्क कर सकें। उन्होंने कहा कि पीसीसी सदस्यों की सूची अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों को दी जा चुकी है।
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