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Congress President Election: किताबी ज्ञान पर मैदानी अनुभव भारी, शशि थरूर के बजाय मल्लिकार्जुन खड़गे को तरजीह

Congress President Election 2022 कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे यूपी में समर्थन जुटाने के लिए अभी भले न आये हों लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर की टीम ने पीसीसी के नवनिर्वाचित सदस्यों और पार्टी नेताओं संपर्क करना शुरू कर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 05 Oct 2022 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 01:07 PM (IST)
Congress President Election: किताबी ज्ञान पर मैदानी अनुभव भारी, शशि थरूर के बजाय मल्लिकार्जुन खड़गे को तरजीह
Congress President Election 2022: शशि थरूर के एकेडमिक टैलेंट के बजाय खड़गे की राजनीतिक परिपक्वता को तरजीह।

UP News: लखनऊ [राजीव दीक्षित]। मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) का विशद राजनीतिक और संगठनात्मक अनुभव और शशि थरूर (Shashi Tharoor) का बौद्धिक आभामंडल। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (Congress President Election 2022) पद के चुनाव में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के नवनिर्वाचित 1247 सदस्य और पार्टी के 154 जिला व शहर अध्यक्ष इन दो ध्रुवों में से किसको चुनते हैं, यह तो समय बताएगा लेकिन फिलहाल किताबी ज्ञान पर मैदानी और राजनीतिक अनुभव भारी पड़ता महसूस हो रहा है।

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पीसीसी के सदस्य दोनों को रहे नाप-तौल

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे उत्तर प्रदेश से अपने पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए अभी लखनऊ भले न आये हों लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर और उनकी टीम ने पीसीसी के नवनिर्वाचित सदस्यों और पार्टी नेताओं को अपना चुनावी घोषणापत्र वाट्सएप के जरिए भेजना और फोन पर संपर्क करना शुरू कर दिया है। पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए होने जा रही जोर-आजमाइश को लेकर बतौर वोटर पीसीसी के सदस्य भी दोनों प्रतिद्वंद्वियों को नाप-तौल रहे हैं।

राजनीति में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है अनुभव

पार्टी के लिए दोनों में से कौन बेहतर है? 'राजनीति में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है अनुभव। खड़गे ने दशकों तक कांग्रेस और कांग्रेसियत को जिया है। थरूर बेशक शैक्षिक दृष्टि से योग्य हैं लेकिन राजनीति में अनुभव का कोई विकल्प नहीं,' पीसीसी के साथ ही कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के वरिष्ठ सदस्य राजेश मिश्र ने सवाल का सधा जवाब दिया। कांग्रेस के पूर्व एमएलसी और पीसीसी सदस्य दीपक सिंह और मुखर हैं। बोले, 'खड़गे के राजनीतिक कद के आगे थरूर कहीं नहीं टिकते। खड़गे ने कभी पार्टी का अनुशासन तोड़ा नहीं। इसके विपरीत थरूर ने न सिर्फ कई बार पार्टी की लाइन तोड़ी बल्कि चर्चा में बने रहने के लिए विवादों से घिरे रहना उनका शगल है।'

जूनियर रहने के बाद ही कोई बनता सीनियर

मल्लिकार्जुन खड़गे के पक्ष में झुकते पलड़े को कुछ हद तक थामते दिखीं महिला कांग्रेस की एक जोनल अध्यक्ष। यह कहते हुए कि 'ज्ञान सर्वोपरि है। कोई जूनियर रहने के बाद ही सीनियर बनता है।' कांग्रेस विधानमंडल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर ने अपनी प्राथमिकता को कुछ यूं रेखांकित किया- 'किताबी ज्ञान की तुलना में राजनीति में मैदानी और संगठनात्मक अनुभव ज्यादा काम आता है। थरूर उच्च शिक्षित जरूर हैं लेकिन उनमें अनुभव का अभाव है। अनुभवी नेता ही जनता की नब्ज पहचानता है।' कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डा. उमाशंकर और पीसीसी सदस्य मुकेश सिंह चौहान ने भी थरूर के एकेडमिक टैलेंट की बजाय खड़गे के विशद राजनीतिक अनुभव को तरजीह दी।

थरूर के घोषणापत्र की खास बातें

  • कांग्रेस में हो सत्ता का विकेंद्रीकरण।
  • प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों को दिये जाएं वास्तविक अधिकार।
  • इस धारणा को बदलने की जरूरत कि पार्टी में निर्णय लेने की क्षमता कुछ चुनिंदा लोगों के हाथों तक ही सीमित है।
  • कांग्रेस में गांव, ब्लाक, जिला और राज्य के साथ राष्ट्रीय स्तर पर अपने नेतृत्व में नए चेहरे और युवा खून को लाने की जरूरत।
  • उन राज्य स्तरीय पदाधिकारियों की संख्या कम की जानी चाहिए जिनकी मुख्यालय में जरूरत नहीं।
  • कांग्रेस का पूर्णकालिक अध्यक्ष सर्वसुलभ हो जो सप्ताह में दो बार कार्यकर्ताओं से बात करे।
  • पार्टी अध्यक्ष की एआइसीसी विभागों और फ्रंटल संगठनों के साथ हो त्रैमासिक बैठकें।
  • पार्टी अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को पांच साल के दो कार्यकाल तक सीमित किया जाए।
  • सरकार को चुनौती देने के लिए एक छाया कैबिनेट स्थापित हो।
  • चुनाव से कम से कम तीन माह पहले घोषित किये जाएं उम्मीदवार।
  • लगातार दो चुनाव हारने वाले प्रत्याशियों को एक ही सीट पर फिर न आजमाया जाए।
  • पीसीसी और चुनावी मैदान में महिलाओं के लिए आरक्षित किये जाएं अधिक पद।
  • पार्टी महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने का काम करेगी।

अमेठी ब्लाक से मतदाता बने राहुल

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में मतदान करने के लिए राहुल गांधी अमेठी ब्लाक से डेलीगेट बने हैं। उनके साथ जिले से कुल 16 लोग नामित किए गए हैं। इसके साथ ही यूपी से कुल 1247 और देश भर में 9821 डेलीगेट्स मतदान में हिस्सा लेंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दो उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे व शशि थरूर के बीच लड़ाई है। मतदान 17 अक्टूबर को होगा। 19 अक्टूबर को नतीजा घोषित किया जाएगा।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जाएगा संदेश

राहुल गांधी के अमेठी जिले से डेलीगेट बनने पर कांग्रेसियों में उत्साह है। जिला उपाध्यक्ष शत्रुहन सिंह कहते हैं कि राहुल का अमेठी से प्रतिनिधि बनना बहुत मायने रखता है। इससे पूरे प्रदेश के कार्यकर्ताओं को संदेश गया है। उन्हें ऊर्जा मिली है। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल जनपद से एक मात्र सदस्य कांग्रेस सेवा दल के जिलाध्यक्ष रामबरन कश्यप कहते हैं कि गांधी परिवार का अमेठी से नाता है। राहुल ने इसे फिर जता दिया है।

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