मश्वरा ग्रुप से खास संदेश देता था मुजाहिदीन आर्मी का सरगना रजा, हिंसा के लिए जमा रकम को लेकर ATS ने तेज की पड़ताल
मुजाहिदीन आर्मी बनाकर प्रदेश में हिंसा फैलाने के षड्यंत्र का सरगना रजा था जिसने कट्टरपंथियों का नेटवर्क बनाया। मश्वरा नामक व्हाट्सएप ग्रुप से वह संदेश भेजता था। टीएनआरएफएफ और तब्लीक तहरीक जैसे समूहों से चंदा जुटाकर हिंसा की योजना थी। एटीएस रजा और उसके साथियों से पूछताछ कर रही है विदेशी फंडिंग की आशंका है और टारगेट किलिंग के प्रशिक्षण की भी जांच हो रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुजाहिदीन आर्मी बनाकर प्रदेश में हिंसा फैलाने के षड्यंत्र का मास्टरमाइंड मुहम्मद रजा ने मश्वरा नाम से एक कोर ग्रुप पर बनाया था। वाट्सएप के इस ग्रुप के माध्यम से वह कट्टरपंथियों को खास संदेश देता था। इसके अलावा टीएनआरएफएफ व तब्लीक तहरीक नाम के बने ग्रुपों में भी कट्टरपंथियों को जोड़ा गया था, जिनके माध्यम से अलग-अलग शहरों में जिहाद के लिए युवकों को उकसाया जा रहा था। इन ग्रुपों से जुड़े कट्टरपंथियों के माध्यम से ही सरगना रजा के खाते में चंदे के रूप मेंं रकम पहुंचाई जा रही थी, जिसे हिंसा के लिए उपयोग किए जाने की योजना थी। पाकिस्तानी संगठनों से जुड़कर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के इरादे से रजा अपने नेटवर्क को बढ़ाने में लगा था।
आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) केरल से गिरफ्तार किए गए सरगना रजा के अलावा सुलतानपुर निवासी अकमल रजा, सोनभद्र निवासी सफील सलमानी उर्फ अली रिजवी, कानपुर निवासी मु.तौसीफ व रामपुर निवासी कासिम अली को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रहा है। इससे पूर्व सभी आरोपितों के मोबाइल फोन का डाटा खंगाला जा रहा है। एटीएस मुजाहिदीन आर्मी से जुड़े कुछ अन्य युवकों की भी तलाश कर रहा है। सरगना रजा के बैंक खातों का ब्यौरा भी जुटाया जा रहा है। विदेशी फंडिंग की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता है।
एटीएस अधिकारियों के अनुसार लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त कर शरीयत कानून लागू कराने के इरादे से इंटरनेट मीडिया पर वाट्सएप, टेलीग्राम व सिग्नल एप के माध्यम से जुड़े कई कट्टरपंथियों की गतिविधियों को लेकर छानबीन आगे बढ़ाई जा रही है। खासकर हिंदू धार्मिक नेताओं को निशाना बनाने के लिए कुछ युवकों को खास प्रशिक्षण दिलाए जाने की बात भी सामने आई है। टारगेट किलिंग के लिए हथियार भी जुटाए जा रहे थे। ऐसे कई बिंदुओं पर रजा व उसके साथियों से नए सिरे से पूछताछ होगी। जिसके बाद ही कई तथ्य पूरी तरह से साफ हो सकेंगे। सूत्रों का कहना है कि आरोपिताें के मोबाइल से कई पाकिस्तानी नंबर भी मिले हैं। जिन्हें लेकर भी छानबीन की जा रही है।
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