'क्या मुंह लेकर जनता के बीच जाएंगे विपक्षी', BJP की जीत से खुश घटक दलों ने सपा पर कसा तंज
भाजपा की जीत से एनडीए के घटक दल भी उत्साहित हैं। इन दलों के शीर्ष नेताओं ने कहा है कि विपक्ष के पास जनता के बीच जाने का कोई मुद्दा नहीं है। वह क्या मुंह लेकर जाएगी। देश व प्रदेश की जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा कर रही है। नेताओं ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के कामों को जनता का समर्थन मिल रहा है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को प्रचंड जीत मिली है। भाजपा की जीत से एनडीए के घटक दल भी उत्साहित हैं। इन दलों के शीर्ष नेताओं ने कहा है कि विपक्ष के पास जनता के बीच जाने का कोई मुद्दा नहीं है। वह क्या मुंह लेकर जाएगी।
देश व प्रदेश की जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा कर रही है। नेताओं ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के कामों को जनता का समर्थन मिल रहा है।
ओपी राजभर ने टटोली थी जनता की नब्ज
सुभासपा अध्यक्ष व प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मिल्कीपुर उपचुनाव में मिली जीत पर कहा है कि उन्होंने वहां की जनता की नब्ज टटोली थी। बहुत पहले ही कह दिया था कि लोगों को विकास चाहिए। प्रदेश सरकार विकास रूपी गाय लेकर जनता के बीच गई।
एनडीए को जनता का भरपूर आशीर्वाद
जनता विकास कार्यों पर वोट दे रही है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पास अब कहने के लिए कुछ नहीं है। जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों के साथ खड़ी है। अपना दल (सोनेलाल) के कार्यकारी अध्यक्ष व प्रदेश सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा और मिल्कीपुर उपचुनाव में एनडीए को जनता का भरपूर आशीर्वाद मिला है।
जन कल्याणकारी योजनाओं और नीतियों की जीत
यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन कल्याणकारी योजनाओं और नीतियों की जीत है। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री जयन्त चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर लिखा है कि उत्तर प्रदेश उपचुनाव का नतीजा गहरे जन विश्वास का प्रमाण है।
निषाद पार्टी के अध्यक्ष व प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा है कि मिल्कीपुर उपचुनाव में एनडीए के कार्यकर्ताओं ने विपक्ष के झूठ वाले हथियार को नाकाम किया।
चुनावी तंत्र के दुरुपयोग का परिणाम
वहीं दूसरी ओर हार के बाद भी सपा अपनी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) की रणनीति पर भरोसा बरकरार रखेगी। सुरक्षित सीट पर पराजय को सपा अपनी रणनीति की असफलता के बजाय भाजपा द्वारा चुनावी तंत्र के दुरुपयोग का परिणाम बता रही है।
पीडीए का सामना नहीं कर पाती बीजेपी
पार्टी की कोशिश अपने कार्यकर्ताओं से लेकर मतदाताओं तक यही संदेश पहुंचाने की है कि बिना धांधली के चुनाव होता तो भाजपा उसके पीडीए का सामना नहीं कर पाती। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी नतीजों के बाद साफ कर दिया था कि मिल्कीपुर की शिकस्त से ‘पीडीए’ की साइकिल नहीं रुकेगी। बल्कि 2027 के चुनाव के लिए इसी रणनीति पर और तेजी से रफ्तार भरेगी।
सपा-बीजेपी में थी प्रतिष्ठा की लड़ाई
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सपा ने पीडीए के नारे के साथ संविधान-आरक्षण के खतरे में होने का विमर्श खड़ा किया था। उस दौरान सपा के बेहतर प्रदर्शन को इसका ही परिणाम माना गया। 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में एनडीए ने सात को जीत कर इस फार्मूले को चुनौती दी थी। मिल्कीपुर सीट पर सपा और भाजपा के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई थी।
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