भ्रष्टाचार का चला योगी सरकार का चाबुक, राज्य कर के तीन सहायक आयुक्त सस्पेंड
लखनऊ में भ्रष्टाचार के आरोप में राज्य कर विभाग के तीन सहायक आयुक्तों को निलंबित कर दिया गया है। हापुड़ और गोरखपुर के आयुक्तों पर दस्तावेजों की जांच किए बिना जीएसटी पंजीकरण करने और फर्मों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है। जांच में तीनों अधिकारियों को दोषी पाया गया है और आगे भी कार्यवाही की संभावना है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भ्रष्टाचार के आरोप में राज्य कर विभाग के तीन सहायक आयुक्तों को शासन ने निलंबित किया है। हापुड़ के तत्कालीन सहायक आयुक्त जितेन्द्र कुमार को राज्य कर अधिकारी की सिफारिश के बाद भी निशा इंटरप्राइजेज नामक फर्म का जीएसटी पंजीयन रद न करने के मामले निलंबित किया गया है। इसी मामले में हापुड़ के तत्कालीन सहायक आयुक्त अभय कुमार पटेल को दस्तावेजों की जांच के बिना जीएसटी पंजीकरण करने के आरोप में निलंबित किया गया है। वहीं एक अन्य मामले में गोरखपुर के सहायक आयुक्त अजय कुमार को दस्तावेजों की जांच के बिना लकी इंटरप्राइजेज नामक फर्म का पंजीकरण करने के मामले में निलंबित किया गया है।
हापुड़ में 27-7-2023 को तत्कालीन राज्य कर अधिकारी ने स्थलीय भ्रमण के दौरान निशा इंटरप्राइजेज नामक फर्म का कोई दफ्तर न पाने पर विभाग के मोबाइल एप्लीकेशन पर पंजीयन रद करने की सिफारिश की थी। इसके बाद भी संबंधित फर्म का पंजीयन रद नहीं किया गया, बल्कि फर्म ने 19,55,08,321 रुपये का आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ ले लिया। वहीं, गोरखपुर के सहायक आयुक्त अजय कुमार ने दस्तावेजों की जांच के बिना लकी इंटरप्राइजेज का जीएसटी पंजीकरण कर दिया।
इसके बाद फर्म ने 19,777,419 रुपये की आइटीसी क्लेम पास करा लिया। शासन ने दोनों मामलों की जांच कराई थी, प्रारम्भिक जांच में तीनों सहायक आयुक्त दोषी पाए गए हैं। उम्मीद है कि इस मामले में जांच पूरी होने के बाद और भी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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