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    मां से जुड़ी झूठी कहानी सुना मतांतरण का दबाव बनाता था KGMU का डॉक्टर, कमरे पर ताला लगाकर हो चुका है गायब

    By Ayushman PandeyEdited By: Vivek Shukla
    Updated: Sat, 27 Dec 2025 09:10 AM (IST)

    केजीएमयू के जूनियर रेजिडेंट डॉ. रमीजुद्दीन नायक पर लव जिहाद का आरोप है। उसने अपनी शादी छिपाकर एक हिंदू महिला डॉक्टर को प्रेम जाल में फंसाया और मतांतरण ...और पढ़ें

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    मां को हिंदू से परिवर्तित मुस्लिम बता युवतियों को झांसे में लेता था आरोपित डा. रमीजुद्दीन। सांकेतिक तस्वीर

    आयुष्मान पांडेय, लखनऊ। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में लव जिहाद के मामले में आरोपित जूनियर रेजिडेंट डा. रमीजुद्दीन युवतियों को जाल में फंसाने के लिए अपनी मां को मोहरा बनाता था। उसने पीड़िता को भी बता रखा था कि उसकी मां खतीजा हिंदू थीं जो मुस्लिम बन गई हैं। पुलिस ने डा. रमीजुद्दीन नायक के खिलाफ जांच शुरू की तो ऐसे तथ्य सामने आए हैं।

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    मौलवीगंज में रहने वाली उसकी मां के घर पहुंची जांच टीम ने उनसे पूछताछ की तो सच यह सामने आया कि वह मुस्लिम ही थीं। पुलिस ने फोन पर रमीज की पहली पत्नी से बात की, जो आगरा के किसी अस्पताल में तैनात है। उसे भी उसने यही कहानी सुनाकर फंसाया था। हालांकि, उसने रमीज के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया।

    पुलिस ने रमीज के मां-पिता से भी पूछताछ की थी, जिसमें सामने आया कि वह बंजारा समुदाय का है, इसलिए नायक उपनाम है। केजीएमयू की तरफ से जूनियर रेजिडेंट रमीज को निर्देश था कि निलंबन अवधि में वह मुख्यालय में रहकर जांच में सहयोग करे पर वह गायब मिला।

    यह मामला बीते शनिवार को तब सामने आया था, जब एक हिंदू महिला डाक्टर ने आरोप लगाया कि अपनी शादी छिपाकर रेजिडेंट डाक्टर ने उन्हें धोखे से प्रेम जाल में फंसाया और शादी के लिए मतांतरण का दबाव बनाकर उसे प्रताड़ित किया। ऊब कर उसने आत्महत्या का प्रयास किया। चौक इंस्पेक्टर नागेश उपाध्याय के अनुसार न्यायालय की छुट्टी से पीड़िता का बयान नहीं दर्ज हो सका है। बयान के बाद अन्य कार्यवाही की जाएगी।

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    विशाखा समिति ने माना रमीजुद्दीन को दोषी, सौंपी रिपोर्ट

    केजीएमयू प्रशासन ने विशाखा समिति की रिपोर्ट राज्य महिला आयोग को सौंप दी है। इसमें आरोपित जू. रेजिडेंट रमीजुद्दीन नायक को दोषी पाया गया है। केजीएमयू प्रशासन अभी विभागीय जांच भी करा रहा है।

    केजीएमयू की विशाखा कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राज्य महिला आयोग अपने स्तर पर भी घटना की जांच कर रहा है। कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न रोकने को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 1997 में बनाए गए विशाखा दिशा निर्देशों के तहत गठित एक आंतरिक शिकायत समिति को विशाखा कमेटी कहते हैं।

    राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने कहा कि मुझे लग रहा कि केजीएमयू में मतांतरण के प्रयास के मामले में और भी लोग शामिल हैं। कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने मीडिया रिपोर्टों और एनएमओ के आरोपों को ध्यान में रखते तथ्यों का पता लगाने के लिए सर्जरी विभाग के प्रो. केके सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया है।