झांसी अग्निकांड पर सरकार की कार्रवाई दिखावा है, अजय राय का भाजपा पर हमला, ब्रजेश पाठक के इस्तीफे की मांग की
झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग से नवजात शिशुओं की मौत के मामले में कांग्रेस ने राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने राज्य सरकार पर सिर्फ दिखावटी कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। उन्होंने झांसी मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य को तत्काल बर्खास्त करने और आरोपितों को बचाने वाले स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के इस्तीफे की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से नवजात शिशुओं की मौत के मामले में कांग्रेस ने राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का आरोप है कि हृदय विदारक घटना में राज्य सरकार ने सिर्फ दिखावटी कार्रवाई की है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस झांसी मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य नरेन्द्र सिंह सेंगर को तत्काल बर्खास्त किए जाने व आरोपितों को बचाने वाले स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के इस्तीफे की मांग करती है।
अजय राय ने ब्रजेश पाठक के इस्तीफे की मांग की
राय ने कहा कि सरकार की संवेदनहीनता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सत्ता के करीबी होने के कारण झांसी मेडिकल कालेज के कार्यवाहक प्राचार्य को बचाया जा रहा है। राज्य सरकार कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावे के लिए कुछ छोटे कर्मचारियों को निलंबित कर अपना पल्ला झाड़ लेना चाहती है, जबकि इतने गंभीर व बड़े आपराधिक कृत्य के बाद न तो जिम्मेदारों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज हुई और न ही किसी दोषी को पकड़ा गया है।
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उच्च स्तरीय कमेटी ने जांच रिपोर्ट सौंपी
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी में आग लगने के कारण नवजात शिशुओं की हुई मौत मामले की जांच कर रही उच्च स्तरीय कमेटी ने 27 नवंबर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह की अध्यक्षता में इस चार सदस्यीय जांच कमेटी का बीते 16 नवंबर को गठन किया गया था।
जांच रिपोर्ट में आग लगने के दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व कर्मियों की जवाबदेही तय की गई है और चिकित्सा उपकरण चलाने में बरती गई लापरवाही का भी जिक्र किया गया है। शार्ट सर्किट से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लगने से यह हादसा हुआ था।
बीते 15 नवंबर को एनआइसीयू के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में चिंगारी निकली थी और उसके बाद देखते-देखते आग ने भयावह रूप ले लिया और नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी।
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दो वर्ष पहले भी विद्युत सुरक्षा विभाग ने लगाई थी आपत्ति
बताया गया कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने सिर्फ जून माह में कराए गए सर्वे की रिपोर्ट को ही अनदेखा नहीं किया, बल्कि दो वर्ष पहले की रिपोर्ट पर भी अमल नहीं किया। बताया गया है कि विद्युत सुरक्षा विभाग ने वर्ष 2022 में भी मेडिकल कालेज प्रशासन को मानकों के विपरीत विद्युत कार्य होने की रिपोर्ट दी थी।
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