झांसी मेडिकल कॉलेज में आग प्रकरण- उच्च स्तरीय कमेटी ने सौंपी जांच रिपोर्ट, नपेंगे जिम्मेदार
महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी में आग लगने के कारण नवजात शिशुओं की मौत मामले की जांच कर रही उच्च स्तरीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने आग लगने के दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व कर्मियों की जवाबदेही तय की है और चिकित्सा उपकरण चलाने में बरती गई लापरवाही का भी जिक्र किया गया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी में आग लगने के कारण नवजात शिशुओं की हुई मौत मामले की जांच कर रही उच्च स्तरीय कमेटी ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह की अध्यक्षता में इस चार सदस्यीय जांच कमेटी का बीते 16 नवंबर को गठन किया गया था।
जांच रिपोर्ट में आग लगने के दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व कर्मियों की जवाबदेही तय की गई है और चिकित्सा उपकरण चलाने में बरती गई लापरवाही का भी जिक्र किया गया है। शार्ट सर्किट से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लगने से यह हादसा हुआ था।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का कहना है कि अभी जांच रिपोर्ट मिली है, लेकिन इसका अभी विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है। बुधवार को इस प्रकरण में आरोपी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
भयावह आग में हुई थी नवजात शिशुओं की मौत
बीते 15 नवंबर को एनआइसीयू के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में चिंगारी निकली थी और उसके बाद देखते-देखते आग ने भयावह रूप ले लिया और नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी।
ऐसे में आगे अब यह घटना न हो इसके लिए जांच कमेटी की ओर से सभी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों का अनिवार्य रूप से फायर आडिट व इलेक्ट्रॉनिक ऑडिट कराए जाने का सुझाव दिया गया है।
अब अस्पतालों में पैरामेडिकल कर्मियों को अग्निशमन विभाग से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा ताकि आग से बचाव के लिए जल्द कदम उठाया जा सके। आठ-आठ घंटे की रोस्टर के अनुसार कर्मियों की ड्यूटी लगेगी।
यही नहीं अब बिजली के एक्सटेंशन बोर्ड से किसी भी तरह का चिकित्सा उपकरण नहीं चलाया जाएगा। कोई भी नया मेडिकल उपकरण खरीदने पर इलेक्ट्रानिक आडिट होगा और विद्युत सुरक्षा निदेशालय से एनओसी लेकर नए तार व बिजली का लोड बढ़ाया जाएगा। उसके बाद ही कोई उपकरण चलाया जाएगा।
अधिकारियों की जवाबदेही भी तय
कमेटी की रिपोर्ट की रिपोर्ट में आग से बचाव के लिए विस्तृत गाइडलाइन के साथ-साथ अस्पताल के अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की गई है। फिलहाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक, एनआइसीयू के इंचार्ज और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. एनएस सेंगर की जवाबदेही तय की गई है।
जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन सख्त कार्रवाई करेगा। वहीं कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों को आग से बचाव के लिए गाइडलाइन भी भेजी जाएगी।
यह भी पढ़ें: झांसी NICU अग्निकांड में बड़ा खुलासा, प्रतिबंधित एल्युमिनियम तारों से की गई थी मेडिकल कॉलेज में वायरिंग
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।