झांसी अग्निकांड: CCTV ने उगले कई राज, मिटने के बाद भी दे दिया यह प्रमाण
झांसी के मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड की सच्चाई अब सामने आ गई है। एनआईसीयू वॉर्ड में लगे सीसीटीवी कैमरे की चिप से डेटा रिकवर किया गया है जिसमें हादसे की पूरी घटना कैद है। यह वीडियो फुटेज बताता है कि कैसे नर्सों और कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना बच्चों को बचाने की कोशिश की। इस हृदयविदारक घटना में 15 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है।

जागरण संवाददाता, झांसी। 15 नवजात शिशुओं की जान लेने वाली हृदयविदारक घटना का असली साक्षी एनआईसीयू वॉर्ड में लगा सीसीटीवी कैमरा निकला, जिसने हादसे की वीभत्सा देखी तो मानवता और साहस का अद्भुत उदाहरण भी देखा। आग से पूरी तरह जल चुके सीसीटीवी कैमरे से निकली चिप के डेटा को पुलिस ने री-स्टोर कर लिया है।
इसमें साफ नजर आ रहा है कि आग पांच मिनट में भड़क गई और पूरा कमरा धुएं से भर गया। ऐसा होने के बाद भी नर्स, चिकित्सक व कर्मचारियों ने साहस नहीं छोड़ा और आग बुझाने का भरसक प्रयास किया। जब सफलता नहीं मिली तो बच्चों को सुरक्षित निकालने के लिए जान की बाजी लगा दी।
लखनऊ से आई जांच टीम ने इस साक्ष्य को भी रिपोर्ट में शामिल किया है। मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड की मुख्यमंत्री ने 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे, जिसके बाद मण्डलायुक्त व पुलिस उपमहानिरीक्षक ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। इसमें एनआईसीयू वॉर्ड की चिकित्सक, नर्स और कर्मचारियों के बयान लिए गए थे।
इसे भी पढ़ें- मेडिकल कॉलेज में भर्ती तीन और बच्चों की मौत, अब कुल मृतकों की संख्या हुई 15
एनआईसीयू वॉर्ड में पांच सीसीटीवी कैमरे लगे थे, जिसमें एक अन्दर वाले कमरे में लगा था, जहां पर घटना हुई। सूत्रों का कहना है कि सीसीटीवी कैमरा जल जाने के बाद उसमें लगी चिप का डेटा री-स्टोर किया गया तो घटना के एक-एक पल का वीडियो फुटेज सामने आ गया।
इसमें साफ दिखा कि बिजली के एक्सटेंशन बोर्ड में पहले आग लगी थी। इसे देखकर कर्मचारी ने उसका तार खींच दिया और बोर्ड में पैर मारकर उसको खिसकाकर कमरे के मध्य में कर दिया। इसके बाद जूते से आग को दबाने के साथ ही एक नर्स ने गत्ते से उसको बुझाने का प्रयास किया।
इसी दौरान एक कर्मचारी बाहर से बोतल में पानी लेकर आया और डाला। इसके बाद एक कर्मचारी ने फायर सिलेंडर से आग को बुझाने की कोशिश की। आग तो बुझ गयी, लेकिन उसके प्रेशर से आग की चिनगारी इधर-उधर फैल गयी। इसके बाद सभी नर्स और कर्मचारी उसको बुझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन वहां लगे प्लास्टिक के उपकरणों ने आग पकड़ ली।
आग को भड़कता देख चिकित्सक और नर्स दो-दो, तीन-तीन बच्चों को गोद में लेकर भागीं, ताकि उनको सुरक्षित निकाला जा सके। 5 से 7 मिनट में ही आग भड़क गई। धुआं भरने के बाद भी एक कर्मचारी बाहर से कोई भारी चीज लेकर कमरे में आया और बाहर की तरफ खुलने वाली खिड़की का कांच तोड़ दिया।
इसे भी पढ़ें-झांसी NICU अग्निकांड में बड़ा खुलासा, प्रतिबंधित एल्युमिनियम तारों से की गई थी मेडिकल कॉलेज में वायरिंग
इसके बाद इसी खिड़की से बड़ी संख्या में बच्चों को बाहर निकाला गया। इस दौरान एक नर्स की सलवार में आग लग गयी। इसी दौरान कर्मचारी भी आग से झुलस गया था। सीसीटीवी कैमरे में कैद घटना को भी लखनऊ की टीम ने अपनी जांच में शामिल किया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।