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Home Guard Salary Scam: हर जिले में कमेटी करेगी होमगार्डों के मस्टर रोल की जांच, 34 माह में होगी पड़ताल

Home Guard Salary Scam in UP ड्यूटी लगाने के नाम पर हुए बड़े घोटाले के बाद शासन ने सभी जिलों में समान रूप से मस्टर रोल की जांच कराने का निर्णय लिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 11:42 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 11:42 AM (IST)
Home Guard Salary Scam: हर जिले में कमेटी करेगी होमगार्डों के मस्टर रोल की जांच, 34 माह में होगी पड़ताल

लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश में होमगार्डों की ड्यूटी लगाने के नाम पर हुए बड़े घोटाले के बाद शासन ने सभी जिलों में समान रूप से मस्टर रोल की जांच कराने का निर्णय लिया है। सभी जिलाधिकारी को एडीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर 34 माह के मस्टर रोल की जांच कराने का आदेश दिया गया है।

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प्रमुख सचिव होमगार्ड अनिल कुमार ने बताया कि होमगार्ड स्वयंसेवकों के मस्टररोल में अनियमितता की जांच जिलों में अलग-अलग तरीके से किए जाने की जानकारी मिली थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप होमगार्डों को उनके बढ़े वेतन पर छह दिसंबर 2016 से 30 सिंतबर 2019 तक के एरियर का भुगतान किया जाना है। शासन ने निर्णय लिया है कि हर जिले में एडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित होगी, जिसमें एएसपी व जिला कमांडेंट सदस्य होंगे। कमेटी प्रत्येक ड्यूटी स्थल के छह दिसंबर 2016 से 30 सिंतबर 2019 के मध्य 34 माह के मस्टररोल की जांच करेगी।

उपहार पोर्टल पर उपलब्ध मस्टररोल के जरिए ड्यूटी चेक कराई जाएं। मस्टररोल को ड्यूटी स्थल के प्रभारी से प्रमाणित कराया जाए। कहीं कोई गड़बड़ी सामने आने पर समिति संबंधित अधिकारियों व कर्मियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उसकी आख्या डीजी होमगार्ड को उपलब्ध कराएगी। भविष्य में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए ड्यूटी स्थल पर प्रतिदिन होमगार्डों से रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराए जाने व रजिस्टर प्रभारी के पास सुरक्षित रखे जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। लाल कलम से अनुपस्थिति दर्ज किए जाने व ड्यूटी स्थल बदलने पर रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज किए जाने समेत अन्य कड़े निर्देश भी दिए गए हैं।

वेतन घोटाले के आरोपी कंपनी कमांडर की जमानत याचिका खारिज

होमगार्ड की ड्यूटी लगाने में हेराफेरी कर लाखों रुपये का घोटाला करने के आरोपित कंपनी कमांडर सुशील कुमार की जमानत अर्जी एडीजे संजय शंकर पांडेय की अदालत ने खारिज कर दी। कोर्ट में जमानत का विरोध करते हुए सरकारी वकील दीपक यादव का तर्क था कि मामले की रिपोर्ट वादी गुडंबा थाने के प्रभारी रितेंद्र प्रताप सिंह ने गोमतीनगर में दर्ज कराई थी। होमगार्ड के डिप्टी कमांडेंट जनरल रणजीत सिंह पत्र के आधार पर जांच की गई तो पाया चला कि होमगार्ड के मस्टररोल और वास्तविक ड्यूटी में अनियमितता है, जिसमें लगभग तीन गुना का अंतर है।

होमगार्ड मुख्यालय की रिपोर्ट और ड्यूटी के मस्टर रोल के मिलान से पता चला कि मात्र दो माह में ही लगभग चार लाख रुपये का भुगतान ज्यादा किया गया है। फर्जी मस्टररोल, हस्ताक्षर और दस्तावेज बनाकर घोटाला किया गया। विवेचना के दौरान पता चला कि सुशील कुमार की मामले में संलिप्तता है। आरोपी ने 25 नवंबर को कोर्ट में समर्पण कर दिया। पुलिस ने उसे रिमांड पर लेकर उसके घर से 19 मुहरें बरामद की थीं। इसका प्रयोग करके आरोपी ने फर्जी मस्टररोल तैयार किया और घोटाला किया। 


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