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    UP News: पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शहला ताहिर पर ईडी का शिकंजा, नवाबगंज नगर पालिका घोटाला में ED ने शुरू की जांच

    Updated: Wed, 23 Oct 2024 12:10 PM (IST)

    नवाबगंज नगर पालिका परिषद में हुए 10.41 करोड़ के घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी करेगा। शासन के निर्देश पर पहले आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने जांच की थी और गड़बड़ी पाई थी। ईडी ने EOW के केस को आधार बनाकर अपनी जांच शुरू की है। जल्द ही पूर्व अध्यक्ष शहला ताहिर को पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है।

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    ईडी ने पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष शहला ताहिर के विरुद्ध शुरू की जांच

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। बरेली की नवाबगंज नगर पालिका परिषद में सपा सरकार के दौरान हुए 10.41 करोड़ रुपये के घोटाले में पूर्व अध्यक्ष शहला ताहिर के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जांच शुरू की है। शासन के निर्देश पर वर्ष 2021 में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पहले जांच की थी और गड़बड़ी पकड़ी थी।

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    सूत्रों के अनुसार ईडी ने ईओडब्ल्यू के केस को आधार बनाकर अपनी जांच शुरू की है। ईडी जल्द पूर्व अध्यक्ष को पूछताछ के लिए तलब कर सकता है।

    धाेखाधड़ी व गबन समेत अन्य धाराओं में दर्ज हुआ था मुकदमा

    ईओडब्ल्यू ने आरंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर पूर्व अध्यक्ष शहला ताहिर के अलावा पांच तत्कालीन अधिशासी अधिकारियों व अन्य कर्मचारियों के विरुद्ध धोखाधड़ी व गबन समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की शिकायत लगभग चार वर्ष पूर्व शासन से की गई थी। शासन ने आर्थिक अनियमितता के गंभीर आरोपों की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी।

    बिना अधिशासी अधिकारी की अनुमति के निकाले लाखों रुपये

    यह भी आरोप था कि पूर्व अध्यक्ष ने बिना अधिशासी अधिकारी की अनुमति के ही 47.31 लाख रुपये निकाल लिए थे। लगभग तीन वर्ष तक चली जांच वर्ष 2012 से 2017 के बीच 10.41 करोड़ रुपये की आर्थिक अनियमितता सामने आई थी। बाद में शहला ताहिर को पद से हटा दिया गया था। 

    नगर पालिका परिषद की पूर्व अध्यक्ष शहला ताहिर। फाइल फोटो। 

    ये था पूरा मामला

    20 मार्च को उप निरीक्षक सत्यपाल गौंड ने इओ, डब्लू के लखनऊ थाने में गवन और धोखाधड़ी की प्राथमिकी लिखाई थी। इसमें नगर पालिका परिषद की पूर्व अध्यक्ष शहला ताहिर, परिषद में तैनात रहे पूर्व अधिशासी अधिकारी हीरा लाल प्रजापति, हरि लाल, नरेंद्र जौहरी, राजेश कुमार सक्सेना, विजय कुमार के साथ ही पालिका परिषद में तैनात बड़े बाबू सुरेश पाल, लिपिक रघुवर सिंह यादव, लिपिक कैलाश चन्द यादव, सफाई प्रभारी अमर सिंह, परिषद के सेवानिवृत कर्मी रवींद्र कुमार शुक्ला व नगर पालिका के ठेकेदार मोहम्मद अफजाल, मोहम्मद आरिफ, सलीम हैदर, वकील खां के साथ ही नगर पालिका परिषद के बड़े बाबू सुरेश पाल के ठेका कर्मी पुत्र शिव कुमार को आरोपित बनाया गया था। आरोप था कि आरोपितों ने 10.41 करोड़ रुपए का गबन और धोखाधड़ी की है। शहला ताहिर पर जांच की जानकारी के बाद नगर पालिका परिषद में चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं।

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