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    हाथरस भगदड़ मामले में 'भोले बाबा' को क्‍ल‍ीनच‍िट! मायावती ने SIT की र‍िपोर्ट पर उठाए सवाल; यूपी सरकार को घेरा

    Updated: Wed, 10 Jul 2024 10:00 AM (IST)

    Hathras SIT Report हाथरस भगदड़ मामले में एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। जिसमें आयोजक और तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को दोषी पाया गया जिसके बाद एसडीएम-सीओ समेत कुल छह अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया। अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने रिपोर्ट में भोले बाबा का जिक्र न होने पर एसआईटी रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए।

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    बसपा सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले (Hathras Case) में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 121 निर्दोषों की मौत हो गई। इस मामले में एसआईटी जांच कराई गई, जिसमें आयोजक और तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को दोषी पाया। हालांकि भोले बाबा का जांच रिपोर्ट में कही जिक्र तक नहीं किया गया।

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    एसआईटी की जांच रिपोर्ट (Hathras SIT Report) सामने आने के बाद इस मामले पर राजनीति भी गरमा गई है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती ने एसआईटी रिपोर्ट पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बसपा सुप्रीमो ने कहा- यूपी के हाथरस में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण है।

    मायावती ने एसआईटी रिपोर्ट उठाए सवाल

    उन्होंने एसआईटी रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा- एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुःखद है।

    हाथरस भगदड़ कांड के बाद से ही चर्चा में रहे भोले बाबा को लेकर मायावती ने कहा- इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा (Hathras Bhole Baba) की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण है। साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास चर्चा का विषय है। उन्होंने सरकार से ऐसी घटनाओं की ओर ध्यान देने का आग्रह किया है, ताकि ऐसी घटनाओं का कभी पुनरावृत्ति न हो।

    क्या है पूरा मामला

    हाथरस में बीते दो जुलाई को हुई घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने दो, तीन और पांच जुलाई को घटनास्थल का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान कुल 125 लोगों का बयान लिया गया, जिसमें प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता और प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी लिया गया। इसके अलावा, घटना के संबंध में प्रकाशित समाचार की प्रतियां, स्थलीय वीडियोग्राफी, छायाचित्र, वीडियो क्लिपिंग का संज्ञान लिया गया।

    एसडीएम-सीओ समेत छह सस्पेंड

    एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के खि‍लाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। उप जिला मजिस्ट्रेट सिकंदराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकंदराराऊ, थानाध्यक्ष सिकंदराराऊ, तहसीलदार सिकंदराराऊ, चौकी इंचार्ज कचौरा एवं चौकी इंचार्ज पोरा को शासन द्वारा सस्‍पेंड कर द‍िया गया है।

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