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    UP News : बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने किया स्पष्ट, 50 से अधिक बच्चों वाले विद्यालयों का नहीं किया जाएगा विलय

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 03:04 PM (IST)

    Basic Education in UP संदीप सिंह ने कहा कि प्रदेश में अब ऐसे स्कूलों का भी विलय नहीं होगा जहां 50 से ज्यादा बच्चे हैं। इसके साथ ही एक किमी से ज्यादा दूरी वाले स्कूलों को भी मर्ज नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के 50 से कम नामांकन वाले दस हजार से अधिक विद्यालयों का विलय हो चुका है।

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    : बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने किया स्पष्ट

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि जिन स्कूलों में 50 से अधिक बच्चे हैं उनका दूसरे स्कूलों में मर्जर नहीं होगा। इतना ही नहीं एक किमी से ज्यादा दूरी वाले स्कूलों के बच्चों को भी दूसरे स्कूलों में नहीं भेजा जाएगा।

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीते दिनों बेसिक शिक्षा विभाग की बैठक में स्कूलों के विलय पर स्पष्ट आदेश करने के बाद गुरुवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह और अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने भी स्कूलों के विलय की नीति को लेकर मीडिया को जानकारी दी।

    संदीप सिंह ने कहा कि प्रदेश में अब ऐसे स्कूलों का भी विलय नहीं होगा जहां 50 से ज्यादा बच्चे हैं। इसके साथ ही एक किमी से ज्यादा दूरी वाले स्कूलों को भी मर्ज नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के 50 से कम नामांकन वाले दस हजार से अधिक विद्यालयों का विलय हो चुका है।

    इन विद्यालयों में कुछ जगह बाल वाटिकाएं संचालित की जाएंगी, वहीं कई विद्यालयों में संसाधनों की कमी या इन्फ्रास्ट्रक्चर के चलते बाल वाटिकाएं नहीं शुरू हो पा रहीं हैं। जिन विद्यालयों में बालवाटिका नहीं संचालित हो रही, वहां पुस्तकालय खोले जाएंगे। इन पुस्तकालयों में बाल साहित्य, चित्र पुस्तकों, सामान्य ज्ञान और कहानी पुस्तकों की व्यवस्था की जाएगी।

    बहुत दिनों से इस पर चर्चा और समीक्षा चल रही

    उन्होंने कहा कि विलय की प्रक्रिया के शुरुआती चरण में पांच हजार विद्यालयों को इसके लिए चुना गया था। स्कूलों की पेयरिग सबसे ज्यादा चर्चा का विषय है। बहुत दिनों से इस पर चर्चा और समीक्षा चल रही थी। उत्तर प्रदेश के साथ अन्य प्रदेशों में पेयरिंग लागू की गई है। राजस्थान में 20000 विद्यालयों को पेयरिंग किया गया। मध्य प्रदेश में भी 36000 विद्यालयों को पेयरिंग की गई है। पहले उत्तर प्रदेश में भी विलय के लिए दस हजार विद्यालयों को चिन्हित किया गया था। बाद में पांच हजार किया गया। पेयरिंग बच्चों के लाभ के लिए भी किया जाए ऐसा सुनिश्चित कर रहे है। शिक्षकों के उपलब्धता और छात्रों की संख्या के आधार पर व्यवस्था की जा रही है।

    एक किलोमीटर से अधिक दूरी के विद्यालय पेयरिंग नहीं

    संदीप सिंह ने बताया कि एक किलोमीटर से अधिक दूरी के विद्यालय पेयरिंग नहीं की जा रही है। छात्रों टीचरों के अनुपात को बराबर रखने पर काम किया जा रहा है। हम 30 बच्चों पर एक शिक्षक का मानक लेकर चल रहे हैं। 50 से कम बच्चों वाले विद्यालय को पेयर किया गया है। हमारे पास 132886 बेसिक विद्यालय हैं। यह सभी विद्यालय पूरे तरीके से चालू रहेंगे। जहां किसी तरह की दिक्कत होगी वहां विद्यालय पेयर नहीं होगा। एक महीने में पेयरिग के काम को पूरा कर लिया जाएगा।

    खाली हुए विद्यालयों में प्री प्राइमरी चलाएंगे

    उन्होंने कहा कि शिक्षकों का एक भी पद समाप्त नहीं किया जाएगा। किसी का कोई पद समाप्त नहीं किया जा रहा हैं, हम खाली हुए विद्यालयों में प्री प्राइमरी चलाएंगे। प्री प्राइमरी और बाल वाटिका की गतिविधियां होंगी। हमने 20000 शिक्षकों का समायोजन भी उनके सहमति से किया है। अभिभावकों की शिकायत को भी हर जिले में सुना जा रहा है। हमारे विरोधियों के समय में शिक्षा व्यवस्था स्ट्रेचर पर ला दिया था। महिला शिक्षामित्र को उनके निकस्थ के स्थान पर पहुंचने के लिए व्यवस्था की गई।

    आठ वर्ष में शिक्षा के स्तर में जमीन आसमान का अंतर

    संदीप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले आठ वर्ष में शिक्षा के स्तर में जमीन आसमान का अंतर देखने को मिल रहा है। हमने ऑपरेशन किया कल के तहत बेसिक विद्यालयो में काम किया है। अब तक 27 लाख 53 हजार हमने बच्चों का नामांकन किया है। लोकभवन में मंत्री ने कहा कि बीते आठ वर्षों में परिषदीय स्कूलों की स्थिति में काफी सुधार आया है।

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    सरकार सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि हर बच्चे को शिक्षा के अधिकार के तहत अच्छी शिक्षा मिले। इसके लिए स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। 2017 के बाद स्कूलों के हालात सुधारने के प्रयास किए गए जिसके परिणामस्वरूप आज प्रदेश के 96 प्रतिशत स्कूलों में बच्चों के लिए पीने का पानी, शौचालय और सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं।

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    अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू हुए पांच वर्ष हो चुके हैं। यूपी ज्यादातर नीतियों में बेहतर परफॉर्म कर रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपात में काम किया जा रहा है।