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    UP Education News : विद्यालयों में सभी सुविधाओं की निगरानी कराएगी सरकार, भवन से लेकर डिजिटल सुविधाओं तक हर बिंदु की होगी पड़ताल

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 12:28 PM (IST)

    UP Education Infrastructural Development प्रदेश में बेसिक और माध्यमिक के विद्यालयों की कुल संख्या करीब एक लाख 30 हजार है। सभी विद्यालयों का निरीक्षण संभव नहीं है इसलिए रैंडम सैंपल के अनुसार निरीक्षण किया जाएगा। हर जिले में हर श्रेणी के कम से कम एक स्कूल का फील्ड विजिट अनिवार्य है।

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    स्कूलों के भवन से लेकर डिजिटल डाटा तक, हर बिंदु की होगी निगरानी

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार बेसिक से लेकर माध्यमिक तक के विद्यालयों की समीक्षा अब सिर्फ आंकड़ों पर नहीं, बल्कि ग्रा‍उंड लेवल पर करेगी। समग्र शिक्षा अभियान के तहत नामित 18 वरिष्ठ शिक्षा अधिकारियों की टीम प्रदेश के सभी मंडलों में दो-दो जिलों का निरीक्षण करेगी। इसमें स्कूलों के भवन की मजबूती से लेकर डिजिटल सुविधा तक की निगरानी होगी। प्रत्येक टीम को न्यूनतम 14 विद्यालयों का दो दिन में निरीक्षण करना है, जिससे कम से कम 252 विद्यालयों का सैंपल तैयार होगा। टीमें चाहें तो इससे ज्यादा स्कूल भी कवर कर सकती हैं।

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    स्कूलों में निरीक्षण का दायरा व्यापक है। इसमें पीएम श्री विद्यालय, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय, राजकीय इंटर कालेज, अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय और को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं। प्रदेश में बेसिक और माध्यमिक के विद्यालयों की कुल संख्या करीब एक लाख 30 हजार है। सभी विद्यालयों का निरीक्षण संभव नहीं है, इसलिए रैंडम सैंपल के अनुसार निरीक्षण किया जाएगा। हर जिले में हर श्रेणी के कम से कम एक स्कूल का फील्ड विजिट अनिवार्य है।

    टीमें स्कूल भवन की मजबूती और ध्वस्तीकरण की जरूरत, फर्नीचर की उपलब्धता, विद्यालयों के विलय के बाद यूकेजी कक्षाओं का संचालन, पुस्तक वितरण की स्थिति, छात्र व शिक्षक उपस्थिति, बाल वाटिका की सामग्री, यू डाइस डेटा की स्थिति, लर्निंग बाय डुइंग व विज्ञान किट के प्रयोग को देखेंगी। इसके अलावा माध्यमिक स्कूलों में प्रयोगशाला, आइसीटी लैब, पुस्तकालय, छात्रावास, पीएम श्री स्कूलों में खेल सुविधाओं का भौतिक सत्यापन किया जाएगा।

    इसके अलावा, हाल ही में कम नामांकन वाले स्कूलों के विलय और संसाधनों के पुनर्वितरण की दिशा में हुए प्रयासों की प्रगति भी जांची जाएगी। निरीक्षण की रिपोर्ट प्रेरणा एप के माध्यम से दर्ज की जाएगी और इसकी निगरानी राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा की जाएगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि निरीक्षण औपचारिकता न हो, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का ठोस कदम बने।