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    Ayodhya Medical College के प्रधानाचार्य हटाए गए, प्रताड़ना-भ्रष्टाचार के लगे थे आरोप...Brajesh Pathak ने की कार्रवाई

    Updated: Thu, 02 Jan 2025 07:56 PM (IST)

    अयोध्या मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व अनुमोदित फर्मों से खरीदी गई दवाओं और अन्य सामग्रियों के बिल के भुगतान में कमीशन की मांग की। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस मामले में लगातार मिल रही अनियमितताओं की शिकायतों के बाद प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार को पद से हटाने के आदेश दिए हैं।

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    ब्रजेश पाठक ने अयोध्या मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को हटाने के निर्देश दिए। (तस्वीर जागरण)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार को उनके पद से हटा दिया गया है। उन्हें अब चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व अनुमोदित फर्मों से खरीदी गई दवाओं और अन्य सामग्रियों के बिल के भुगतान में कमीशन की मांग की।

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    यह आरोप प्रथम दृष्टया जांच में सही पाए गए हैं। इसके अलावा एक अन्य संविदा कर्मचारी प्रभुनाथ मिश्रा की मौत मामले की भी जांच शुरू की गई है, जिसमें उनके परिजनों ने प्रधानाचार्य पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था।

    उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस मामले में लगातार मिल रही अनियमितताओं की शिकायतों के बाद प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार को पद से हटाने के आदेश दिए। शिकायतों के अनुसार, डॉ. कुमार ने फर्मों से खरीदी गई दवाओं, साफ-सफाई कार्य, बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण और मरीजों के खाने की व्यवस्था से जुड़े बिलों के भुगतान को जानबूझकर लटकाया और भुगतान के लिए कमीशन की मांग की।

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    मई में जांच के लिए कमेटी गठित हुई थी

    इन आरोपों की जांच के लिए शासन ने 17 मई 2024 को अपर निदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। इसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्त नियंत्रक और अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को सदस्य बनाया गया था।

    जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार की और इसे लोकायुक्त कार्यालय को निर्णय के लिए 23 सितंबर 2024 को भेज दिया। इस रिपोर्ट में डा. कुमार के खिलाफ कई गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने उन्हें पद से हटाकर उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई करने का निर्णय लिया।

    डॉ. कुमार पर फर्मों से रिश्वत लेने का आरोप

    वहीं, डॉ. कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों और फर्मों से भी रिश्वत ली और सरकारी धन की हेराफेरी की। इस पूरी प्रक्रिया को लेकर कई फर्मों और अधिकारियों के बीच सांठगांठ का आरोप भी सामने आया है। इस मामले की जांच अब आगे बढ़ रही है और आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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