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    Uniform Civil Code: यूसीसी के विरोध में विधि आयोग को सौंपे जाने वाले दस्तावेज में तेजी लाएगी एआईएमपीएलबी

    By AgencyEdited By: riya.pandey
    Updated: Wed, 28 Jun 2023 05:56 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी समुदायों के लिए एक समान कानून की वकालत करने के कुछ ही समय बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के खिलाफ पैरवी की तैयारी में लग गया है। बोर्ड के सदस्य के मुताबिक बोर्ड ने 27 जून की रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में कानून को सौंपे जाने वाले यूसीसी पर आपत्ति संबंधी मसौदा दस्तावेज पर चर्चा की।

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    समान नागरिक संहिता के विरोध में विधि आयोग को सौंपे जाने वाले दस्तावेज में तेजी लाएगी एआईएमपीएलबी

    लखनऊ, पीटीआई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी समुदायों के लिए एक समान कानून की वकालत करने के कुछ ही समय बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के खिलाफ पैरवी की तैयारी में लग गया है।

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    बोर्ड के सदस्य खालिद रशीद फरंगी महली के मुताबिक बोर्ड ने 27 जून की रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक की जिसमें विधि आयोग को सौंपे जाने वाले यूसीसी पर आपत्ति संबंधी मसौदा दस्तावेज पर चर्चा की गई।

    पीएम ने भोपाल में की थी यूसीसी को लागू करने की घोषणा

    पीएम मोदी ने भोपाल में बीते मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की घोषणा की और कहा कि संविधान में सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का उल्लेख है।

    यूसीसी के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को भड़काने के लिए कर रहा विपक्ष- पीएम

    पीएम ने इस दौरान यह भी कहा था कि भाजपा ने फैसला किया है कि वह तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति का रास्ता नहीं अपनाएगी और आरोप लगाया कि विपक्ष यूसीसी के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने के लिए कर रहा है।

    हालांकि, बुधवार को बोर्ड सदस्य महली ने कहा कि एआईएमपीएलबी की बैठक एक नियमित बैठक थी और इसे यूसीसी पर प्रधानमंत्री के बयान से जोड़कर ना देखा जाये।

    उन्होंने आगे कहा कि 14 जुलाई आपत्ति दाखिल करने की आखिरी तारीख है और बोर्ड इससे पहले ही विधि आयोग के सामने अपनी आपत्ति दाखिल कर देगा।

    संविधान की भावना के खिलाफ है यूसीसी

    एआईएमपीएलबी सदस्य ने कहा कि हमारा मानना है कि यूसीसी संविधान की भावना के खिलाफ है और हम इसका कड़ा विरोध करेंगे।

    सभी धर्मों को प्रभावित करेगा यूसीसी

    उन्होंने कहा, "भारत एक ऐसा देश है जहां कई धर्मों और संस्कृतियों को मानने वाले विविध धर्म के लोग रहते हैं इसलिए यूसीसी न केवल मुसलमानों को प्रभावित करेगा बल्कि इससे हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, यहूदी, पारसी और अन्य छोटे अल्पसंख्यक भी प्रभावित होंगे।"

    क्या है ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड?

    एआईएमपीएलबी, एक गैर-सरकारी संगठन है जो पर्सनल लॉ के मामलों में मुसलमानों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है। इसका गठन 1973 में भारत में मुसलमानों के बीच इस्लामी व्यक्तिगत कानून के अनुप्रयोग की रक्षा और प्रचार करने के उद्देश्य से किया गया था।

    विधि आयोग ने सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों समेत हितधारकों से विचार मांगकर समान नागरिक संहिता पर एक नई परामर्श प्रक्रिया शुरू की है।