Lakhimpur Kheri News : लखीमपुर खीरी में वन विभाग की लापरवाही, दुधवा का रास्ता नहीं मिला तो आबादी के करीब छोड़ा तेंदुआ
Casual Approach Of Forest Department लोगों में दहशत है कि नई जगह पर आया तेंदुआ पेट भरने के लिए आबादी का रुख कर सकता है। गोला रेंज के आसपास एबीपुर महरताला प्रतापपुर रत्ना फार्म झंझटपुर देवीपुर जैसे 10 से 12 गांव गोला पश्चिम जंगल से सटे हैं। अधिकारियों के अनुसार गोला पश्चिम के जंगल से सिकंदरपुर और फिर भीरा मैलानी का जंगल से लगा है।

संवादसूत्र, जागरण, लखीमपुर खीरी : धौरहरा रेंज के आसपास लोगों में फैली तेंदुआ की दहशत अब वहां से 70 किलोमीटर दूर गोलारेंज में पहुंच गई है। धौरहरा रेंज में एक सप्ताह तक को भय के कारण लोगों को घरों में कैद रहने को मजबूर करने वाले तेंदुआ को वन विभाग की टीम ने पकड़ने के बाद फिर आबादी के नजदीक में छोड़ दिया है।
धौरहरा से तीन दिन पहले पकड़े गए तेंदुए को दुधवा नेशनल पार्क मे छोड़ा जाना था, लेकिन बारिश और जलभराव के कारण जब वन विभाग की टीम को दुधवा का रास्ता नहीं मिला तो उसे वन विभाग में गोला रेंज में छोड़ दिया। जिस जगह पर यह तेंदुआ छोड़ा गया, आसपास की आबादी करीब चार हजार है।
अब वहां के लोगों में दहशत है कि नई जगह पर आया तेंदुआ पेट भरने के लिए आबादी का रुख कर सकता है। गोला रेंज के आसपास एबीपुर, महरताला, प्रतापपुर, रत्ना फार्म, झंझटपुर, देवीपुर जैसे 10 से 12 गांव गोला पश्चिम जंगल से सटे हैं। अधिकारियों के अनुसार, गोला पश्चिम के जंगल से सिकंदरपुर और फिर भीरा, मैलानी का जंगल से लगा है। तेंदुआ आबादी से दूर रहे, इसके लिए जंगल में छोड़ा गया है।
अधिकारियों की दिक्कत यह थी कि बहुत दिन तक तेंदुए को पिंजरे में कैद नहीं रखा जा सकता है। वह आक्रामक होकर खुद हो घायल कर सकता था और उसकी मौत हो सकती थी। वन विभाग का कहना है कि इस तेंदुए ने अब तक किसी इंसान का शिकार नहीं किया है। तेंदुआ अब तक गन्ने के खेतों में मिलने वाले वन्यजीवों से ही अपना पेट भरता रहा है।
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वन विभाग ने शनिवार की रात महोला पुल के पास पिंजरा लगाया तो बकरी के लालच में यह तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया। रेंजर अभय मल्ल के मुताबिक तीन दिन से तेंदुए को पिंजरे में खाने के लिए मुर्गा दिया जाता रहा है।
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इस तेंदुआ को दुधवा नेशनल पार्क में छोड़ जाना था लेकिन बारिश के कारण हुए जलभराव को देखते हुए अधिकारियों ने इसकी सहमति नहीं दी।
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