फैटी लिवर की गिरफ्त में हर तीसरा व्यक्ति, जागरूकता और समय पर इलाज जरूरी
लखीमपुर खीरी में विशेषज्ञों ने बताया कि फैटी लिवर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है जिसका मुख्य कारण मोटापा और मधुमेह हैं। इससे बचाव के लिए नियमित व्यायाम संतुलित भोजन और तैलीय भोजन से दूरी जरूरी है। लखनऊ के पीजीआई में अब लखीमपुर के मरीजों के लिए आधुनिक जांच और उपचार की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

संवाद सूत्र, लखीमपुर। बदलती जीवनशैली और खानपान की लापरवाही फैटी लिवर की बीमारी को तेजी से बढ़ा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि आज हर तीसरा व्यक्ति इसकी गिरफ्त में है। मोटापा और मधुमेह इसके प्रमुख कारण बताए गए हैं।
लखनऊ के ताज होटल में हाल ही में आयोजित कार्यशाला से लौटे जनरल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि फैटी लिवर अब बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को प्रभावित कर रहा है। इस कार्यशाला में पीजीआई के लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित गोयल, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुरेंद्र सिंह और डायटिशियन रीता सहित प्रदेशभर से चिकित्सक शामिल हुए।
डॉ. राकेश ने कहा कि लिवर से जुड़ी बीमारियों का जितनी जल्दी पता चले, उतनी जल्दी इलाज संभव है। शुरुआती चरण में ध्यान देने पर मरीज को सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इलाज में देरी की जाए तो यह रोग जानलेवा भी साबित हो सकता है।
डॉ. सुरेंद्र सिंह और डायटिशियन रीता ने बताया कि नियमित व्यायाम, संतुलित भोजन और तैलीय व फास्ट फूड से दूरी फैटी लिवर से बचाव के सबसे असरदार उपाय हैं। उन्होंने लोगों से खानपान में सादा और पौष्टिक आहार अपनाने की अपील की।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि लखीमपुर समेत अन्य जिलों के मरीजों को अब लखनऊ स्थित पीजीआई और संबद्ध चिकित्सा संस्थानों में आधुनिक जांच और उपचार सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों के रोगियों को समय पर इलाज और विशेषज्ञ परामर्श का लाभ मिलेगा।
चिकित्सकों ने लोगों को संदेश दिया कि सतर्कता, स्वस्थ दिनचर्या और समय पर परामर्श ही फैटी लिवर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।
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