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ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं कम तो कहीं ज्यादा है कोरोना का असर

ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना महामारी का असर कहीं कम तो कहीं ज्यादा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 10:27 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 10:27 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं कम तो कहीं ज्यादा है कोरोना का असर

लखीमपुर : ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना महामारी का असर कहीं कम तो कहीं ज्यादा है। हालात ये हैं कि कहीं इसका असर न के बराबर है, तो कहीं लोग गांव में बाहर निकलना तक पसंद नहीं करते।

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शहर से सटी ग्राम पंचायतों में जहां सैधरी में कोरोना का असर न के बराबर है, ग्रामीण बताते हैं कि तीन चार मौतें हुई हैं, इसके अलावा कहीं कोई मरीज नहीं है। शहर से सटी ग्राम पंचायत छाउछ में अब तक करीब 10 मौतें होने की खबर है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां तो डॉक्टरों की टीम भी नहीं पहुंची। चौधरी ग्राम पंचायत में नहीं फैल रही महामारी जिला मुख्यालय से सटे निकटवर्ती ग्राम पंचायत सैधरी में करीब 15 के आसपास लोग कोरोना से पीड़ित हुए थे लेकिन वे जल्दी ही ठीक हो गए। इसके अलावा दो मौतें हुई हैं जो कोरोना से हैं। ग्रामीण रामआसरे जो लोहारी का काम करते हैं बताते हैं कि कोरोना नाम मात्र का है। बहुत ज्यादा लोग बीमार नहीं हुए हैं जो बीमार पड़े थे उनमें से दो तीन खत्म भी हो गए, बाकी आप सभी स्वस्थ हैं। यही बात यहां रहने वाले ब्रह्मादीन बताते हैं कि इस महामारी का प्रकोप उनके गांव में कम है। स्वच्छ वातावरण है, लोगों का आना जाना भी कम है। कोई गांव से ज्यादा बाहर नहीं जाता इसलिए महामारी नहीं फैल रही। कोरोना से अब तक से दो मौतें

गांव के पूर्व प्रधान ममता सिंह का भी कहना है कि दो मौतें भले ही हुई हैं 10 से 12 लोग बीमार पड़े इसके अलावा उनके गांव में कोई दिक्कत नहीं हुई। स्वास्थ विभाग की टीम आई थी जांच भी कर गई थी। वर्तमान प्रधान उत्तम वर्मा का कहना है कि करीब 15 लोग बीमार हुए थे उसमें से दो लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम उनके यहां नहीं आई। न कहीं कोई सैनिटाइजेशन कराया गया है, जो बीमार पड़े थे उन्हें भी दवा नहीं दी गई। बत्तर हैं ग्राम पंचायत छाउछ में हालात इसके विपरीत जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत छाउछ के हालात तो बद से बदतर हैं। यहां 10 के आसपास मौतें हो चुकी हैं। करीब 20 से ज्यादा लोग बीमार हैं, लेकिन वहां स्वास्थ विभाग की न कोई जांच टीम पहुंची न कोई सैनिटाइजेशन हुआ यहां तक कि बीमार लोगों को होमआइसोलेटेड कराने के बाद उन्हें दवा तक नहीं दी गई। पंकज दीक्षित बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम यहां नहीं आई। 10 के आसपास मौतें कोरोना से हुई हैं। इसके अलावा जो होम आइसोलेटेड हैं, उन्हें भी कोई दवा नहीं दी गई। यही बात यहां से इकबाल बहादुर खान भी बताते हैं कि गांव में बहुत तेजी से कोरोना फैला है लेकिन स्वास्थ विभाग ने यहां कोई रुचि नहीं ली कोई सैनिटाइजेशन नहीं कराया गया। 10 मौतें हो चुकी हैं ग्राम छाउछ में ग्राम पंचायत छाउछ की पूर्व प्रधान उर्मिला वर्मा बताती हैं कि छह से सात के बीच मौतें हुई हैं।इसमें ज्यादातर युवा वर्ग के लोग हैं।20 के आसपास लोग बीमार हैं। गांव में कहीं कोई सैनिटाइजेशन या जांच क्यों नहीं आई है यही बात मौजूदा प्रधान अमन चंद्रा बताते हैं कि गांव के हालात बहुत खराब हैं। कोरोना प्रभावितों को घर पर होम आइसोलेटेड होने के बावजूद कोई दवा नहीं दे रहा। उन्होंने बताया कि उनके चाचा तथा एक शिक्षक की पत्नी समेत 10 लोगों की गांव में मौत हो चुकी है खुद उनके पिता सुरेश चंद्र वर्मा कोरोना पॉजिटिव हो गए थे जो आप स्वस्थ हो गए हैं। कृषि भवन में जांच शिविर लगा था उसके बाद कोई पूरे गांव में दवा देने भी नहीं आया।


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