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    26 मुकदमों में वांछित करीमुल्ला आखिर कैसे बना राजू और राजेश, तीन महीने बाद भी UP पुलिस नहीं लगा पाई सुराग

    Updated: Thu, 02 Jan 2025 10:33 PM (IST)

    करीमुल्ला उर्फ राजेश नाम के अपराधी ने 6 बार नाम बदलकर शाहजहांपुर लखीमपुर सीतापुर जिले में चोरी डकैती नकबजनी जैसी बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया और 26 मुकदमों में वांछित हो गया। इस दौरान पुलिस भी उसका पता नहीं लगा सकी थी। कई जनपदों की पुलिस कई सालों से उसकी तलाश कर रही थी लेकिन वह किसी के हत्थे नहीं चढ़ रहा था।

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    भीरा पुलिस ने करीमुल्ला को तीन महीने पहले गिरफ्तार किया था। (तस्वीर जागरण)

    संवाद सूत्र, बिजुआ (लखीमपुर)। भीरा पुलिस ने करीब तीन माह पहले अक्टूबर 2024 में भीरा थाना क्षेत्र के चक पसियापुर गांव करीमुल्ला उर्फ राजेश नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने छह बार नाम बदलकर शाहजहांपुर, लखीमपुर, सीतापुर जिले में चोरी, डकैती, नकबजनी जैसी बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया और 26 मुकदमों में वांछित हो गया। इस दौरान पुलिस भी उसका पता नहीं लगा सकी थी। 

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    कई जनपदों की पुलिस कई सालों से उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन वह किसी के हत्थे नहीं चढ़ रहा था। तीन महीने पहले करीमुल्ला को भीरा पुलिस ने धर दबोचा। हालांकि अभी भी राजेश उर्फ करीमुल्ला की गिरफ्तारी अपने पीछे कई अहम सवाल छोड़ गई, जिसका भीरा पुलिस अभी तक सुराग नहीं लगा सकी है।

    राजेश उर्फ करीमुल्ला ने 6 बार नाम बदले

    राजेश नाम के अपराधी ने करीमुल्ला, मुकेश, राजेश, राजू, राजे समेत छह बार नाम बदले। विडंबना यह कि एक साधारण व्यक्ति को अपना एक बार नाम बदलवाने के लिए कई पैतृक साक्ष्य और कई सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी दस्तावेज लगते हैं, तब कहीं जाकर नाम अथवा उसके पते में परिवर्तन हो पाता है।

    बावजूद इसके इस वांछित अपराधी ने कई जनपदों सहित करीब दो दर्जन मुकदमों में वांछित होते हुए अलग अलग कैसे नाम बदल लिए यह एक बड़ा सवाल है। आखिर किन सक्षम अधिकारियों के अग्रसारित दस्तावेजों से नाम बदले। यह भी बड़ी चूक है कि अधिकारियों ने बिना किसी ठोस प्रमाण के दस्तावेज कैसे तैयार कर दिए।

    पुलिस की जांच इस समय ठंडे बस्ते में

    वांछित अपराधी को भीरा पुलिस ने जेल भेजकर मामले से इतिश्री कर ली, जबकि लगातार छह बार नाम बदलकर अपराध करने में उसके नाम बदलने वाले भी दोषी कम नहीं, लेकिन इसकी तहकीकात भीरा पुलिस ने ठंडे बस्ते में डाल रखी है। तीन महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ उस वांछित अपराधी का नाम बदलने वाले दोषियों से कोसों दूर हैं।

    इस संबंध में जब भीरा पुलिस का पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो थानाध्यक्ष भीरा पुष्पराज कुशवाहा ने कहा कि मामले की जांच सब इंस्पेक्टर उमराव कर रहे हैं।

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