भोजपुर में बारूदी सुरंग बिछाने के मामले में वांछित नक्सली गिरफ्तार, साल 2015 से था फरार
बिहार के भोजपुर जिले में बारूदी सुरंग बिछाने के मामले में वांछित एक नक्सली को पटना एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। रोहतास जिले के आयर कोठा थाना क्षेत्र से पकड़े गए विजय यादव उर्फ सुनील सिंह पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसके खिलाफ चार नक्सली कांड दर्ज हैं और वह नौ साल से पुलिस को चकमा दे रहा था।

जागरण संवाददाता,आरा: पटना एसटीएफ की टीम ने भोजपुर जिले में बारूदी सुरंग बिछाए जाने के चर्चित मामले में वांछित एक नक्सली को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। वांछित की गिरफ्तारी रोहतास जिले के आयर कोठा (दरिहट) थाना के गनुआ गांव से हुई है।
पकड़ा गया विजय यादव उर्फ सुनील सिंह मूल रूप से भोजपुर के चौरी थाना के बाबूबांध गांव का निवासी है। वर्तमान में रोहतास जिले के आयर कोठा थाना के गनुआ में रहता था।
इससे पूर्व परिवार समेत चरपोखरी के सियाडीह गांव में रहता था। उसके विरुद्ध कुल चार नक्सली कांड मिले है। उपरोक्त नक्सली कांड में करीब नौ साल से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। गंभीर नक्सली कांड को देखते हुए उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
तकनीकी सूचना के आधार पर पटना एसटीएफ एसपी प्रमोद कुमार यादव के निर्देशन में गठित टीम ने रोहतास में छापेमारी कर वांटेड विजय यादव को धर दबोचा। इससे पूर्व 16 अक्टूबर को जिला पुलिस ने कांड में वांछित नक्सली पीरो के जैसीडीह निवासी संतोष पासवान को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी। उसका भी लंबा अपराधिक इतिहास रहा था, उस पर कुल 10 केस मिले थे।
दो जुलाई 2015 को चरपोखरी-कथराई पथ पर रेलवे लाइन से पूरब पुलिया के नीच गड्ढा खोदकर पुलिसकर्मियों की हत्या करने के लिए बारूदी सुरंग (लैंड माइंस) बिछाया गया था, लेकिन समय रहते नक्सलियों के मंसूबों पर पुलिस टीम ने पानी फेर दिया। उस समय नहर पुलिया से पांच-पांच किलो का आइडी बम लगे दो सिलेंडर, डेटोनेटर, एल्मुनियम इलेक्ट्रिक का दो एक्सप्लोसिव बरामद किए। पटना से आई बम निरोधक दस्ता की टीम ने लैंड माइंस को निष्क्रिय किया था।
इस मामले को लेकर तत्कालीन थानाध्यक्ष अरशद राजा के बयान पर नक्सली व विस्फोटक अधिनियम के तहत केस हुआ था। उस समय माओवादी संगठन के हाथ होने की बात सामने आई थी। अगिआंव बाजार के कुख्यात छेदी पासवान समेत करीब दर्जनभर को जेल भेजा गया था।
नाम बदलकर रहता था
रोहतास में चौरी थाना के बाबुबांध गांव निवासी विजय यादव उर्फ सुनील यादव लंबे समय से रोहतास जिले के आयर कोठा (दरिहट) थाना के गनुआ में रहता था। पहचान छुपाने के लिए अपना नाम व टाइटल भी बदल लिया था। जिससे की किसी को शक नहीं हो सके। इस बीच तकनीकी सूचना के आधार पर टीम ने छापेमारी कर नाटकीय ढंग से उसे धर दबोचा। इसके बाद भोजपुर जिले के चरपोखरी पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया। सारे नक्सली केस वर्ष 2006 से वर्ष 2015 के बीच के हैं, जो चरपोखरी थाना से संबंधित है।
तीन साल पूर्व भी नक्सली कांड में पकड़ा गया था
पुलिस के अनुसार विजय यादव उर्फ सुनील यादव तीन साल पूर्व भी नक्सली कांड में पकड़ा गया था। बाद में वह जमानत पर बाहर आ गया था। वर्ष 2006 में आरा-सासाराम रेलवे लाइन के निर्माण में लगी एजेंसी की गाड़ियों को सेमरांव में जलाए जाने के मामले में उसका नाम आया था। तब चरपोखरी में केस हुआ था। वर्ष 2021 में पुलिस ने उसे धर दबोचा था, लेकिन बारूदी सुरंग कांड में रिमांड नहीं किया जा सका था। जिसके कारण जमानत पर छूट गया था। नक्सली सक्रियता के समय उसकी गिनती एरिया कमांडर के रूप में होती थी।
सेंट्रिंग कराने के बहाने एसटीएफ ने लिया गिरफ्त में
सूत्रों के अनुसार वांटेड नक्सली रोहतास के आयर कोठा थाना के गनुआ में रहकर पहचान छुपाने के लिए सेंट्रिंग मिस्त्री का काम करता था। जिसकी भनक पटना एसटीएफ टीम को लग गई थी। इस दौरान टीम ने गिरफ्त में लेने के लिए सेंट्रिंग कराने के बहाने उसके विरुद्ध जाल बिछाया और उसे धर दबोचा।
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