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    UP Buffalo: यूपी से आया 2 करोड़ का भैंसा बिहार की 'शराबबंदी' से परेशान, फीकी पड़ी चमक

    सोनपुर मेले में उत्तर प्रदेश के बनारस से आया दो करोड़ 5 लाख रुपये का भैंसा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। ये भैंसा खाने में फल और अनाज के साथ ही हर दिन दो बीयर भी पीता है। बिहार में शराबबंदी होने की वजह से भैंसे को बीयर नहीं मिल पा रही। इसकी वजब से वो सुस्त हो गया है उसकी चमक फीकी पड़ गई है।

    By rajeev kumar Edited By: Divya Agnihotri Updated: Fri, 15 Nov 2024 06:02 PM (IST)
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    सोनपुर मेले में चर्चा में दो करोड़ का भैंसा

    संसू, नयागांव। एशिया के प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में बनारस से आया दो करोड़ पांच लाख रुपये का मुर्रा नस्ल का भैंसा लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बनारस से इसे लेकर पहुंचे रामजतन यादव ने बताया कि यह अनोखा भैंसा संतरा, गेहूं, मसूर के दाने खाता है।

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    इसके अलावा रोजाना दो बीयर पीता है। इससे जिस भैंस का गर्भधारण करवाया जाता है, उसका बच्चा उच्च नस्ल का होता है। इसलिए इस भैंसे की कीमत अधिक है।

    हरिहर क्षेत्र का प्रसिद्ध सोनपुर मेला।

    बीयर ने मिलने से भैंसे की सेहत पर असर

    सोनपुर मेले में बीयर पर प्रतिबंध होने के कारण भैंसे को बीयर नहीं दी जा रही है। उन्होंने बताया कि बीयर नहीं मिलने से भैंसे की चमक फीकी पड़ गई है और वह थोड़ा सुस्त दिख रहा है।

    उन्होंने एक भैंस का जिक्र करते हुए बताया कि दूर से आने में परेशानी को लेकर उनकी एक भैंस की तबीयत खराब हो गई है। उसने दूध देना भी थोड़ा काम कर दिया है।

    24और 20 लीटर दूध देने वाली भैंस भी चर्चा में

    रामजतन यादव के पास भैंसा के साथ दो और भैंसें भी हैं, जो क्रमशः 24 लीटर और 20 लीटर दूध देती हैं। इन भैंसों की कीमत भी चर्चा में हैं, जिनमें एक का मूल्य पांच लाख और दूसरी का तीन लाख रुपये रखा गया है।

    यादव ने बताया कि मुर्रा नस्ल की इस भैंस की सींग विशेष रूप से रिंग के आकार में होती है, जो इसकी पहचान को और अनूठा बताती है।

    भैंसों की कई प्रमुख नस्लें हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं

    मुर्रा

    • मुर्रा भैंसें मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में पाई जाती हैं।
    • ये उच्च दुग्ध उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं और इनका दूध उच्च वसा वाला होता है।
    • मुर्रा नस्ल की भैंसें गहरे काले रंग की होती हैं।

    जाफराबादी

    • यह नस्ल गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में पाई जाती है।
    • इसका शरीर बड़ा और शक्तिशाली होता है।
    • जाफराबादी भैंसें भी अच्छा दूध उत्पादन करती हैं।

    मेहसाना

    • मेहसाना नस्ल गुजरात के मेहसाना जिले में पाई जाती है।
    • यह मुर्रा और सूरती नस्ल के क्रॉस ब्रीड से उत्पन्न हुई है।
    • इसका दूध उत्पादन अच्छा होता है और इसे मुख्य रूप से दूध उत्पादन के लिए पाला जाता है।

    सूरती

    • यह नस्ल गुजरात के खेड़ा और आनंद जिलों में पाई जाती है।
    • इसकी विशेषता इसकी मुड़ी हुई सींग और लंबा शरीर है।
    • सूरती भैंसें भी अच्छे दूध उत्पादन के लिए जानी जाती हैं।

    नागपुरी

    • नागपुरी या पांढरपुरी भैंस मुख्यत महाराष्ट्र में पाई जाती है।
    • इसकी पहचान इसके लंबे और पतले सींगों से होती है।
    • यह नस्ल भी दूध उत्पादन में उपयोगी मानी जाती है।

    भदावरी

    • यह नस्ल उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पाई जाती है।
    • भदावरी भैंसों का दूध घी के लिए अच्छा माना जाता है, क्योंकि इसमें फैट की मात्रा अधिक होती है।
    • ये सभी नस्लें भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग वातावरण के अनुसार पाई जाती हैं और इनका दुग्ध उत्पादन भी अलग-अलग होता है।
    • इनमें से कई नस्ल की भैंसे सोनपुर मेले में आ चुकी हैं, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।

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