देशभक्ति की मिसाल: Operation Sindoor से प्रेरित होकर यूपी में 17 नवजात बच्चियों का नाम रखा गया 'सिंदूर'
कुशीनगर में ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) से प्रेरित होकर 7 मई के बाद मेडिकल कॉलेज में जन्मी 17 बेटियों का नाम सिंदूर रखा गया। माता-पिता ने बताया कि भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और देशभक्ति के भाव से प्रभावित होकर उन्होंने यह फैसला लिया। उनका मानना है कि सिंदूर अब सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि एक भावना है।

जागरण संवाददाता, पडरौना। बीते 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारतीय सेना की तरफ से चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर नाम लोगों को खूब भा रहा है। वे अपनी बेटियों का नाम सिंदूर रख रहे हैं।
कुशीनगर जिले में सात मई के बाद मेडिकल कॉलेज में दो दिन के भीतर जन्मी 17 बच्चियों के नाम उनके माता-पिता ने सिंदूर रखा है। जब देश की तीनों सेनाएं ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान को सबक सिखा रही थीं, तो हर नागरिक ऑपरेशन सिंदूर से खुद को जोड़कर देख रहा था।
कुशीनगर में तो देश भक्ति का जज्बा लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। जब देश की सेना ऑपरेशन सिंदूर चला रही थी, उसी दौरान संतान को जन्म देने वाली महिलाओं ने अपनी बेटियों का नाम सिंदूर रखा। देश की सीमाओं पर जाकर लड़ने के लिए ना सही, महिलाओं की तरफ से अपनी नवजात बेटियों का सिंदूर नाम रखना ही उनकी देशभक्ति के जज्बे को बताने के लिए काफी है।
स्वजन का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद अब सिंदूर एक शब्द नहीं, बल्कि भावना है। इसीलिए हमने अपनी बेटी का नाम सिंदूर रखने का फैसला किया है।
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क्या बोले घरवाले
नगर के मदन गुप्ता की बहू ने बेटी को जन्म दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय सेनाओं के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से प्रेरित होकर और देशभक्ति की भावना से पोती का नाम सिंदूर रखा है।
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ऑपरेशन सिंदूर। जागरण
बहू काजल ने बताया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई महिलाओं ने अपने पति को खो दिया। आतंकियों ने उनके माथे का सिंदूर मिटा दिया। सिंदूर एक नाम नहीं, बल्कि भावना है। बेटी का नाम सिंदूर रखने का फैसला किया है।
सदर तहसील क्षेत्र के खनवार बकलोलही गांव की रहने वाली नेहा ने भी नौ मई को एक बिटिया को जन्म दिया। नेहा ने भी अपनी बिटिया का नाम सिंदूर रखा है। बताया कि सैनिकों ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। इसीलिए बेटी का नाम सिंदूर रखा है।
भठही बाबू गांव के निवासी व्यास मुनि की पत्नी ने भी बेटी को जन्म दिया है। उन्होंने बेटी का नाम सिंदूर रखने का फैसला किया है।
खड्डा तहसील क्षेत्र के भेड़िहारी गांव की निवासी अर्चना ने बताया है कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि अपनी बेटी का नाम सिंदूर रखा है। खड्डा क्षेत्र की रीना ने भी अपनी बेटी का नाम सिंदूर रखा है।
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पडरौना के नाहर छपरा गांव की रहने वाली प्रियंका ने भी नवजात शिशु को जन्म दिया है और उन्होंने भी अपनी बच्ची का नाम सिंदूर रखा है। इस तरह सात से नौ मई तक कुल 17 बच्चियों का जन्म हुआ, जिनका नाम सिंदूर रखा गया है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरके शाही ने बताया कि सात मई के बाद अस्पताल में दो दिन के भीतर जन्मी 17 बेटियों का नाम माता-पिता ने देश के जांबाज सैनिकों की बहादुरी और मिशन सिंदूर की सफलता से प्रभावित होकर सिंदूर रखा है।

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