Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने नाप ली पाकिस्तान की एक-एक इंच जमीन, खुल गई पड़ोसी की पोल
Operation Sindoor सेनाओं ने इस ऑपरेशन से पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का लक्ष्य तय किया था। पाकिस्तानी हमलों के बाद उसने जवाबी कार्रवाई की तो चीन से आयातित पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को स्वदेशी ड्रोन मिसाइलों और सेटेलाइट की मदद से ध्वस्त कर दिया गया। उसके एयरबेस तबाह कर दिए गए।

निशांत यादव, लखनऊ : ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने पाकिस्तान को यह संदेश दे दिया है कि आतंकवाद को संरक्षण देने वाला उसका हर हिस्सा अब उसकी जद में है। स्कार्दो से लेकर कराची तक पाकिस्तान की एक-एक इंच जमीन भारत ने नाप ली है।
अब पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देते समय ऑपरेशन सिंदूर से हुए अपने हश्र को याद रखेगा। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पीछे के महत्वपूर्ण कारणों पर कारगिल युद्ध के हीरो कर्नल जीपीएस कौशिक (अवकाशप्राप्त) ने दैनिक जागरण कार्यालय में हुए जागरण विमर्श में प्रकाश डाला।
कर्नल जीपीएस कौशिक ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने पाकिस्तान को यह संदेश दे दिया है कि आतंकवाद को संरक्षण देने वाला उसका हर हिस्सा अब उसकी जद में है। सेनाओं ने इस ऑपरेशन से पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का लक्ष्य तय किया था। इसी कारण पाकिस्तानी हमलों के बाद उसने जवाबी कार्रवाई की तो चीन से आयातित पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को स्वदेशी ड्रोन, मिसाइलों और सेटेलाइट की मदद से ध्वस्त कर दिया गया। उसके एयरबेस तबाह कर दिए गए।
ऐसे में पाकिस्तान के सामने भारत का सामना करना मुश्किल हो रहा था। भारत को तो पाकिस्तान को आतंकियों का पोषण करने की उनकी गलती का अहसास कराना था। यदि भारत को युद्ध करना होता तो उसकी तैयारी दूसरे स्तर की होती।
कर्नल ने कहा कि युद्धविराम के लिए अमेरिका ने मध्यस्थता कराई, यह अच्छी बात है। हालांकि युद्धविराम में अमेरिका का हस्तक्षेप कम और भारत व पाकिस्तान के बीच सहमति की भूमिका अधिक है। हम सबको गर्व होना चाहिए कि पहली बार भारत के बनाए डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल युद्ध जैसे हालात में ऑपरेशन सिंदूर में किया गया। पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन से बहुत हमले किए, लेकिन वे हमारे एयर डिफेंस सिस्टम को भेद नहीं सके। अभी 127 भारतीय सेटेलाइट ऊपर से नजर रख रहे हैं, इसमें बहुत से मिलिट्री सेटेलाइट भी हैं।
कर्नल जीपीएस कौशिक ने कहा कि भारत के आधुनिक वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड थे। इसी कारण सेटेलाइट से जो सटीक चित्र मिल रहे थे, उसकी मदद से ब्रह्मोस और अन्य दूसरी मिसाइलों से पाकिस्तानी एयरबेस सहित कई ठिकाने तबाह हुए। स्कार्दो से लेकर कराची और बलूचिस्तान तक बहुत गहराई व व्यापक रूप में भारत की सैन्य कार्रवाई हुई। नौसेना की पश्चिमी फ्लीट ने अरब सागर को ब्लाक कर दिया।

भारतीय नौसेना ने कराची तक उपस्थिति का अहसास कराया। भारत के जवाबी हमलों के बाद पाकिस्तान अमेरिका और चीन के बने लड़ाकू विमानों के इस्तेमाल की स्थिति में नहीं बचा था। पाकिस्तान की ओर से तुर्किये के बने ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, लेकिन उनके हमलों को बेअसर करते हुए भारत ने अपने स्टार्टअप से तैयार स्काई स्ट्राइकर जैसे ड्रोन से आतंकी और वहां के सैन्य ठिकानों पर घातक प्रहार किए। इस ड्रोन वारफेयर में भारत की जीत हुई।
कर्नल कौशिक ने बताया कि भारत इस पूरी सैन्य कार्रवाई में बहुत मजबूत स्थिति में था। भारत परमाणु संपन्न देश होने के बाद भी पहले युद्ध नहीं करने की नीति पर कायम रहा, इसलिए भारत ने साफ कहा कि उसने पाकिस्तान के किसी मिलिट्री बेस या आम नागरिक को निशाना नहीं बनाया।
पाकिस्तान की सेना कभी प्रोफेशनल नहीं रही है। उसने भारतीय क्षेत्र के नागरिक ठिकानों पर हमला किया। भविष्य की लड़ाई एआइ आधारित आधुनिक रक्षा तकनीकी के बल पर लड़ी जाएगी। इसके लिए भारत पूरी तरह तैयार है।

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