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    हादसे में घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जीवनदान देने वालों को 25 हजार का मिलेगा इनाम, गवाह भी नहीं बनाया जाएगा

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Fri, 28 Nov 2025 04:31 PM (IST)

    कौशांबी में सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने वालों को सरकार अब सम्मानित करेगी। राहवीर योजना के तहत उन्हें 25 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा और गवाह भी नहीं बनाया जाएगा। पुलिस ने जागरूकता अभियान चलाया है और नेशनल हाईवे-2 को क्रिटिकल कॉरिडोर बनाया गया है। इस योजना का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है ताकि वे घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाएं।

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    सड़क हादसे के शिकार लोगों की मदद करने वाले को 25 हजार रुपये का इनाम मिलेगा।

    जागरण संवाददाता, कौशांबी। मार्ग हादसों में जख्मी लोगों को अस्पताल पहुंचाकर जीवनदान देने वाले मददगार को अब सरकार सम्मानित करेगी। ऐसे लोगों को राहवीर योजना के तहत 25 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। साथ ही अगर मददगार नहीं चाहता है तो उसका नाम मुकदमे में बतौर गवाह पुलिस शामिल नहीं कर सकेगी।

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    पुलिस ने जागरूकता अभियान चलाया  

    जिले में इसे लेकर पुलिस ने व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चला रखा है। नेशनल हाईवे-2 की 64 किलोमीटर की दूरी को क्रिटिकल कारिडोर बनाया गया है। यहांं सड़क के किनारे योजना का प्रचार-प्रसार करने के लिए साइनेज आदि लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा तीन क्रिटिकल कारिडोर टीमों का गठन किया गया है।

    गुड सेमेरिटन योजना के तहत मिलता है पांच हजार रुपये 

    सरकार अभी तक सड़क पर जख्मी मिले लोगों को एक घंटे यानी गोल्डन आवर में अस्पताल पहुंचा कर जीवन दान देने वाले नेक इंसानों के लिए गुड सेमेरिटन योजना चला रही थी। योजना के तहत घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को पांच हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाता है।

    घायलों को फौरन नहीं पहुंचाते अस्पताल 

    इस योजना का जिले में कोई खास असर नहीं दिखा। लोग हादसे में जख्मी लोगों का वीडियो तो बनाते थे लेकिन अपनी तरफ से उसे फौरन अस्पताल पहुंचाने का प्रबंध नहीं किया जाता था। इसकी वजह से अक्सर इलाज में देरी होने के कारण घायल की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती थी।

    तीन वर्ष में मौतों का चौंकाने वाला आंकड़ा 

    प्रदेश पुलिस के मुखिया राजीव कृष्ण ने पिछले दिनों सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर नियंत्रण लगाने के लिए हर जनपद से फीडबैक मांगा था। इसे लेकर एसपी राजेश कुमार ने जिले में पिछले तीन साल के दौरान हुए हादसों व उसमें होने वाली मौत का ब्योरा निकलवाया तो चौकाने वाली हकीकत सामने आई।

    तीन क्रिटिकल कारिडोर टीमों का गठन 

    जिले भर में होने वाले कुछ हादसों के सापेक्ष 50 प्रतिशत सिर्फ कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर हो रहे थे। मौतों का आंकड़ा भी यहीं ज्यादा था। इसकी रिपोर्ट डीजीपी मुख्यालय को भेजी गई। इस पर सैनी, कोखराज व संदीपनघाट थाने के अंर्तगत पडने वाले हाईवे के लिए तीन क्रिटिकल कारिडोर टीमों का गठन किया गया। यह टीमें सिर्फ मार्ग हादसों पर नियंत्रण लगाने के उद्देश्य से गठित की गई हैं।

    टीम सदस्यों का काम क्या होगा?  

    टीम मोबाइल रहकर तेज रफ्तार वाहन, होटल-ढाबे के किनारे सड़क पर वाहन, सड़क पर खराब हुए वाहनों पर नजर रख रही हैं। इसके अलावा नशेड़ी चालकों की धर-पकड़ के लिए टीम को बीथ एनालाइजर व तेज रफ्तार वाहन चालकों को सबक सिखाने के लिए स्पीड रडार डिटेक्ट करने वाले कैमरे से सुसजज्जित किया गया है। अब केंद्र सरकार की नई योजना राहवीर का इस क्रिटिकल कारिडोर में व्यापक स्तर पर प्रचार कराया जा रहा है।

    मददगारों को बतौर गवाह नहीं शामिल किया जाएगा  

    बताया जा रहा है कि सड़क हादसे में जख्मी व्यक्ति को तत्काल अस्पताल पहुंचा कर जीवनदान देने वाले नेक इंसान को 25 हजार रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाना है। साथ ही पुलिस को यह भी निर्देश दिया गया है कि अगर घायल को अस्पताल पहुंचाने वाला मददगार नहीं चाहता है तो उसका नाम बतौर गवाह मुकदमे में शामिल नहीं किया जाए।

    डीएम होंगे राहवीर योजना के अध्यक्ष

    राहवीर योजना का लाभ पाने वाले व्यक्ति को जिलाधिकारी के यहां आवेदन करना होगा। डीएम, एसपी, सीएमओ व एआरटीओ की संयुक्त टीम पात्रता का चयन करेगी। इसके बाद जख्मी व्यक्ति का जीवन बचाने वाले को 25 हजार रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। राहवीर योजना वर्ष 2023-24 में लागू हुई है। लेकिन इसका सर्कुलर पिछले दिनों ही आया है।

    योजना का मकसद लोगों को जागरूक करना 

    सीओ क्राइम शिवांक सिंह का कहना है कि राहगीर योजना सड़क हादसों में जान गंवाने वाले पीड़ित के लिए बेहद ही कारगार साबित होगी। इस योजना का मकसद है कि लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूक हों। हादसे में घायल लोगों को तत्काल अस्पताल पहुंचा कर जीवन दान दिया जाए। अगर मददगार नहीं चाहता है तो पुलिस मुकदमे में उसे साक्षी नहीं बना सकती।

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