संपत्ति के लिए मां की हत्या कर पहुंच गया थाने... पुलिस के सामने छिप नहीं सका अपराध, हत्यारे बेटे को मिली जेल
कौशांबी में एक बेटे ने संपत्ति के लालच में अपनी मां की हत्या कर दी। आरोपी, जो अपनी मां के नाम पर जमीन और नकदी चाहता था, ने अपने साथी के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई, जिसके बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की।

कौशांबी पुलिस की गिरफ्त में अपनी ही मां की हत्या का आरोपित। सौजन्य : पुलिस
जागरण संवाददाता, कौशांबी। मां-बेटे के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाली एक दर्दनाक घटना का पुलिस ने महज कुछ घंटे में राजफाश कर दिया। तीन लाख रुपये नकद व पुश्तैनी जमीन अपने नाम कराने की लालच में इकलौते बेटे ने अपने साथी के साथ मिलकर पहले मां की हत्या की, फिर फंदे से शव लटका कर पुलिस के पास पहुंच गया। पुलिस की पूछताछ में ज्यादा देर तक बेटे का पाप नहीं छिप सका व उसने घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार कर ली। शुक्रवार को आरोपित को जेल भेज दिया गया है।
मंझनपुर कोतवाली के खेरवा गांव की घटना
मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के खेरवा निवासी जयसिंह पुत्र भैरव प्रसाद सिंह के यहां चार दिन पहले उसकी चचेरी बहन 55 वर्षीय शीला देवी पत्नी स्वर्गीय शिव गनेश सिंह, बेटे-बहू से विवाद के बाद रहने आई थी। गुरुवार दोपहर शीला घर पर अकेली थी।
चचेरे भाई के घर आई थी शीला
भैरव किसी काम से बैंक गए थे, जबकि शीला के चचेरे भाई जयसिंह भी फतेहपुर गए थे। दोपहर बाद वह घर लौटे तो शीला का शव फंदे से लटक रहा था। सिर के पिछले हिस्से में घाव था। जहां पर शव लटक रहा था, वहां दो खाली प्लेट भी मिली, जिसमें किसी ने नाश्ता किया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने हत्या की ओर किया इशारा
घटना देखने के बाद से ही अंदाजा लगाया जाने लगा कि शीला की किसी ने हत्या करने के बाद शव फंदे से लटकाया है। घटना की जानकारी पर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। आनन-फानन शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें चिकित्सक ने एंटी मार्टम इंजरी से मौत होने का जिक्र किया। इससे साफ हो गया कि शीला को पहले सिर में मारा गया, जिसकी वजह से वह कोमा में चली गई। इसके बाद फंदे से लटकाए जाने से उसकी मौत हो गई।
चित्रकूट पुलिस के पास पहुंचा आरोपित तो हुआ शक
उधर, जय सिंह से पहले चित्रकूट जिले के राजापुर क्षेत्र के कथवनिया निवासी मृतका का इकलौता बेटा किशन किशोर उर्फ बीरू कोतवाली पहुंचा व मां की मौत हो जाने की खबर दी। इससे सीओ सिटी शिवांक सिंह का माथा ठनका। उन्होंने बीरू से पूछताछ की तो कुछ ही देर में वह टूट गया। इसके बाद जो सच्चाई उजागर हुई तो मां-बेटे के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाली थी।
पत्रकार वार्ता में एसपी ने बताया हत्या का कारण
शुक्रवार को पत्रकार वार्ता के दौरान एसपी राजेश कुमार ने बताया कि किशन किशोर ने बताया कि उसकी मां के नाम बैंक खाते में तीन लाख रुपये जमा थे। पिता की मौत के बाद जमीन भी मां के नाम हो गई थी। मां ने बैंक में इकलौता बेटा (बीरू) के होने के बावजूद नामिनी अपने भाई को बना रखा था। बीरू ने बताया कि जब भी वह पैसा मांगता या जमीन अपने नाम करने को कहता था, तो मां शीला विवाद करती थी।
एक वर्ष से घर में चल रही थी कलह
इसे लेकर एक साल से घर में कलह थी। इसी बात को लेकर साल भर से शीला फतेहपुर जिले के धाता निवासी अपने भाई दलवीर पुत्र स्वर्गीय भानू प्रताप सिंह के यहां रहती थी। इस बीच उसे पता चला कि शीला अपने चचेरे भाई जय सिंह के घर चार दिन पहले आई थी। जयसिंह के घर में ज्यादा लोग नहीं रहते थे।
बीरू साथी संग पहुंच गया और मां की कर दी हत्या
इसी का फायदा उठाते हुए गुरुवार को बीरू अपने साथी के साथ खेरवा पहुंचा। यहां मामा के घर शीला अकेली मिली। पैसे व जमीन को लेकर फिर से मां ने झगड़ा शुरू कर दिया। इसी बात को लेकर उसने मां की हत्या कर दी। घटना को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव फंदे से लटका दिया। एसपी ने बताया कि जयसिंह की तहरीर पर हत्या का मुकदमा कायम कर बीरू का चालान कोर्ट भेजा गया। अदालत ने उसे जेल भेज दिया है।
साल भर बाद मिला बेटा तो शीला ने लुटाई ममता
नारा प्रतिनिधि के अनुसार चित्रकूट जिले के राजापुर क्षेत्र के कथवनिया निवासी स्वर्गीय शिव गनेश सिंह की मृतका शीला दूसरी पत्नी थी। पहली पत्नी से तीन बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। पहली पत्नी के निधन के बाद उन्होंने शीला से दूसरी शादी की। शीला से भी दो बेटियों के बाद इकलौता बेटा किशन किशोर उर्फ बीरू हुआ।
मां का लाडला था हत्यारा पुत्र
शीला की भी दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। इन सबके बीच बीरू घर का इकलौता चिराग होने के बाद बहनों व मां का लाडला था, लेकिन शादी के बाद न जाने लालच की ऐसी हवस जगी कि उसे जिस मां की अर्थी को कंधा देना चाहिए, उसी की मौत का कारण बन गया।
... और शीला बेटे से रहने लगी दूर
मृतका शीला का मायका फतेहपुर जिले के धाता में है। शीला के भाई दलवीर का कहना है कि बीरू की जब से शादी हुई, उसके बाद से घर में कलह होने लगी। घर का माहौल खराब नहीं हो, इसे लेकर शीला ज्यादातर इकलौते बेटे से दूर रहने लगी। साल भर से वह उनके यहां रह रही थी। इस दौरान वह चचेरे भाई के घर गई थी, तभी वारदात हो गई।
आरोपित ने सच्चाई कबूली पर घटना ने छोड़े कई सवाल
अनुमान लगाया जा रहा है कि जब बीरू साथी के साथ मां से मिलने पहुंचा होगा तो शीला ने खुशी में उनके लिए नाश्ता लगाया। नाश्ते के बाद जब पैसे व जमीन की बात शुरू हुई होगी, तभी विवाद हो गया होगा। हालांकि इस घटना ने तमाम सारे सवाल भी छोड़े हैं, जिसका पुलिस के पास स्पष्ट जवाब नहीं है। पहला यह है कि बीरू इकलौता था, इसलिए सारी जमीन जायदात उसी को मिलना थी। बहनें भी किसी तरह का अवरोध नहीं बन रहीं थी। इस बाबत इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह का कहना है कि खुद बीरू ने घटना की सच्चाई बयां की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।