Maha Kumbh में लगाने आए थे पुण्य की डुबकी, पाप कमाकर लौटे; सरेआम किया इंसानियत का 'खून'
Maha Kumbh 2025 महाकुंभ में पुण्य की डुबकी लगाने गए श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज-कानपुर हाईवे पर लगा जाम जानलेवा साबित हुआ। जाम से बचने के चक्कर में तेज रफ्तार वाहन चालकों ने कई लोगों को कुचल दिया। 16 और 17 फरवरी को सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस की मौजूदगी और ड्रोन कैमरों से निगरानी के बावजूद वाहन चालकों का पता नहीं चला।

जागरण संवाददाता, कौशांबी। Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ जाकर पुण्य की डुबकी लगाने वाले या फिर घर वापसी कर रहे तेज रफ्तार वाहन चालक कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर लगे भीषण जाम से बचने के लिए लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ गए।
वाहनों की टक्कर लगने से बेगुनाह लोग सड़क पर तड़पते रहे, लेकिन आस्था की डुबकी लगाने जा रहे या फिर वापस लौट रहे चालकों ने लोगों की जान की कोई परवाह नहीं की। सबसे खराब दिन 16 व 17 फरवरी का रहा, जिसमें जाम खुलवाने के साथ ही पुलिस का सारा समय शवों को हटवाने में बीता। इन दो दिनों में कोखराज व सैनी क्षेत्रों में पड़ने वाले हाईवे पर पांच लोगों की जान चली गई।
प्रयागराज-कानपुर हाईवे पर लगा था भीषण जाम
पिछले शुक्रवार देर रात यानि 14 फरवरी से प्रयागराज-कानपुर हाईवे पर भीषण जाम लगने लगा था। सैनी के कनवार बार्डर से लेकर कोखराज के सकाढ़ा डायवर्जन प्वाइंट तक भीषण जाम लगा रहा। 30 किलोमीटर की दूरी हाईवे पर जाम में फंसे वाहन चालकों को तय करने में छह से आठ घंटे तक लग गया।
पहले प्रशासन ने वाहनों को सिहोरी टोल प्लाजा से फाफामऊ के रास्ते प्रयागराज भेजना चाहा, लेकिन सफलता नहीं मिली तो वाहनों को कौशांबी के ही विभिन्न मार्गों में चकरघिन्नी बना दिया। प्रयागराज जाने वाले लेन को सिरोही से टोल फ्री करवा कर जाम हटवाने की नाकाम कोशिश की गई। यह सारे जतन जमींन पर फेल नजर आए।
नतीजतन जैसे ही जाम खुलता, वाहन चालक तेज रफ्तार में आगे की तरफ बढ़ने लग जाते थे। ऐसे में 16 व 17 फरवरी को सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं सैनी व कोखराज इलाके में हुई। पांच लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि कई को अस्पताल में भर्ती होना पड़ गया।
हाईवे पर ड्रोन से की जा रही थी निगरानी
हाईवे पर वाहनों के लगने वाले जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए खुद डीएम मधुसूदन हुल्गी, एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव, एएसपी राजेश कुमार सिंह के अलावा पांच सीओ, 11 इंस्पेक्टर सहित 697 पुलिस कर्मी मोर्चा बनाकर निगरानी कर रहे थे। दो कंपनी पैरामिलिट्री व एक कंपनी पीएसी भी लगाई गई थी।
जाम के हालात पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे से निगरानी की गई। ओवर स्पीड चलने वाले वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए दो इंटरसेप्टर वाहन लगाए गए थे। इसके बावजूद लोगों को कुचलने वाले वाहन चालकों का पता नहीं चल सका।
केस एक-
फतेहपुर जिले के फतेहपुर टेकारी निवासी अजय ने सैनी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था कि 16 फरवरी को उसके पिता को केसररिया के समीप किसी वाहन ने कुचल दिया। घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई थी। टक्कर मारने वाला वाहन चालक गाड़ी सहित भाग निकला।
केस दो-
16 फरवरी को ही अजुहा कस्बे में हाईवे पर किसी वाहन की टक्कर से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। मृतक की मां ब्रम्हादेवी ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ सैनी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
केस तीन-
कोखराज कोतवाली क्षेत्र के मलाक भायल के समीप 16 फरवरी को स्कार्पियो की टक्कर से अशोक की मौत हो गई थी। मामले में मृतक के रिश्तेदार राजेंद्र ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
केस चार-
कोखराज इलाके में ही तेज रफ्तार वाहन की टक्कर लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस घटना में भी टक्कर मारने वाले वाहन चालक का पता नहीं चल सका।
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