भाजपा के पूर्व विधायक व सपा के प्रदेश सचिव समेत सात पर धोखाधड़ी का मुकदमा, मुख्यमंत्री के आदेश पर हुई कौशांबी में कार्रवाई
कौशांबी में, भाजपा के पूर्व विधायक संजय गुप्ता, सपा नेता कैलाश चंद्र केसरवानी समेत सात लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर हुई है। आरोप है कि 20 वर्ष पूर्व भरवारी में एक भवन पर अवैध कब्जा किया गया और फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जिससे राजनीतिक गलियारों में खलबली मची है।

कौशांबी भाजपा के पूर्व विधायक और सपा नेता समेत सात पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
जागरण संवाददाता, कौशांबी। नगर पालिका परिषद भरवारी स्थित एक भवन में फर्जी तरीके से कब्जा कर दूसरे का नाम दर्ज कराने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। भाजपा के चायल से पूर्व विधायक संजय गुप्ता, सपा के प्रदेश सचिव कैलाश चंद्र केसरवानी, तत्कालीन चेयरमैन सुनीता केसरवानी सहित सात आरोपितों के खिलाफ कोखराज कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी समेत संगीन धाराओं में मुकदमा कायम कर लिया है। पुलिस ने यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर की है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस व राजनैतिक गलियारे में खलबली है।
भरवारी निवासी वृद्धा की दास्तां
भरवारी के मंझनपुर रोड निवासी 73 वर्षीय राजदुलारी केसरवानी पत्नी स्वर्गीय उमाशंकर केसरवानी ने बताया कि उसके ससुर मोतीलाल केसरवानी (नेहरू) पुत्र बाबू लाल निवासी नई बाजार, शाहगंज थे। उन्होंने अपनी व्यक्तिगत आय से वर्ष 1970 में एक जमीन नीलामी में खरीद कर उस पर तीन मंजिला भवन का निर्माण कराया था। वह परिवार के साथ उसी घर में रहते थे। इसके अलावा वर्ष 1979 व 1990 में भी जमीन खरीद कर उस पर मकान बनवाया, जिसे बाद में आर्थिक तंगी के कारण बेच दिया गया। वर्ष 1970 में ली गई जमीन व उस पर बने मकान को विक्रय नहीं किया गया।
फर्जी कागजात से किया फर्जीवाड़ा
राजदुलारी के मुताबिक ससुर मोतीलाल की पहली पत्नी कमला देवी का देहांत हो जाने पर उन्होंने दूसरी शादी कुलझारा देवी से की। उनसे उसके पति उमाशंकर केसरवानी सहित पांच पुत्र व चार बेटियां हुईं। उमाशंकर केसरवानी की भी मृत्यु छह मई 2004 को हो गई। आरोप है कि पति की मौत के बाद भरवारी के व्यस्त बाजार स्थित उसके मकान पर सपा प्रदेश सचिव कैलाश चंद्र केसरवानी ने दिलीप, अजय, विजय व संजय हालपता निवासी मुंबई (पीड़िता के देवर) को बुलाकर फर्जी कागजात तैयार कराकर उसके पति (उमाशंकर) की मृत्यु 30 साल पहले होना दर्शाकर वर्ष 2005 में फर्जी तरीके से दर्ज करा दिया।
मारपीट कर बच्चों संग घर से बाहर निकलवाया
कैलाश चंद्र ने अपने साथियों के साथ उसे व बच्चों को मारपीट कर घर से बाहर निकालवा दिया। फुलझारा देवी के चार बच्चों दिलीप आदि को कब्जा दिला दिया गया। राजदुलारी के अनुसार कब्जा आंशिक तौर पर देवरों (दिलीप आदि) का हुआ, लेकिन कैलाश ने खुद भवन पर कब्जा कर लिया। वह बच्चों की सुरक्षा के लिए मायके प्रयागराज के 146, डी गंगोत्री नगर, नैनी में रहती हैं।
प्रभाव में आकर आरटीआइ का नहीं दिया जवाब
आरोप है कि भवन में बिजली कनेक्शन व जलकर के अभिलेख नगर पंचायत से जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगे जाने पर पूर्व विधायक संजय गुप्ता, कैलाश चंद्र केसवानी, तत्कालीन चेयरमैन (तत्कालीन नगर पंचायत भरवारी) सुनीता केसरवानी, दिलीप, अजय, विजय व संजय के प्रभाव में आकर सूचना नहीं दी गई।
13 नवंबर को जनता दरबार में सीएम से की शिकायत
इस बाबत पीड़िता ने 13 नवंबर, 2025 को मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ के समक्ष जनता दर्शन में उपस्थित होकर कार्रवाई की मांग की थी। सीएम के आदेश पर कोखराज कोतवाली पुलिस ने सोमवार को पूर्व विधायक संजय गुप्ता, कैलाश चंद्र केसरवानी, सुनीता केसरवानी, पीड़िता के देवर दिलीप, अजय, विजय व संजय के खिलाफ मुकदमा कायम कर जांच शुरू कर दी है।
पूर्व भाजपा विधायक संजय गुप्ता ने बताया निर्दोष
इस संबंध में मुकदमे में आरोपित चायल से पूर्व भाजपा विधायक संजय गुप्ता का कहना है कि घटना मेरे कार्यकाल की नहीं है। मुकदमे के मजमून में भी कथित पीड़िता ने उन पर सीधे तौर पर आरोप नहीं लगाया है। किसी ने साजिश के तहत मेरा नाम शिकायती पत्र में डलवा दिया। यह सिर्फ विरोधियों की साजिश है।

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