नाबालिग लड़की को बंधक बनाने में कौशांबी पुलिस दुविधा में, वृद्ध पर है आरोप, आखिर दोनों ने कोर्ट में ऐसा क्या दिया बयान
कौशांबी के पइंसा इलाके में एक किशोरी को बंधक बनाने के मामले में पुलिस दुविधा में है। किशोरी ने कमरे में बंद होने की बात तो मानी पर किसी अनहोनी से इनकार किया। आरोपी बुजुर्ग का कहना है कि उसे सुनाई नहीं देता। परिवार भी कार्रवाई नहीं चाहता। पुलिस ने अदालत में किशोरी का बयान दर्ज कराया है। विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी है।

जागरण संवाददाता, कौशांबी। चाकलेट का लालच देकर किशोरी को बंधक बनाने के मामले में पुलिस के सामने अजीब दुविधा है। किशोरी ने खुद को कमरे में कैद किए जाने की बात तो स्वीकारी, लेकिन किसी तरह की अन्य अनहोनी से इन्कार कर रही है। वहीं, बंधक बनाने के मामले में जिस बुजुर्ग को आरोपित किया गया है, उसने भी पुलिस के समक्ष प्रस्तुत होकर बयान दिया कि उसे सुनाई ही नहीं देता।
मामले में अब किशोरी के परिवार के लोग भी कार्रवाई नहीं चाह रहे हैं। ऐसे में पुलिस दर्ज मुकदमे को लेकर आगे की दिशा तय नहीं कर पा रही है। फिलहाल पुलिस ने गुरुवार को अदालत में किशोरी का कलम बंद बयान करा दिया है।
पइंसा इलाके के एक गांव में रहने वाला 65 वर्षीय बुजुर्ग परिवार से अलग कमरे में रहता है। मुहल्ले के लोग भी उसका काफी ख्याल रखते हैं। सोमवार शाम बुजुर्ग ने पड़ोसी में रहने वाली 13 वर्षीय किशोरी को चाकलेट देने के लिए अपने कमरे में बुलाया। इसके बाद उसने बाहर आकर दरवाजे में कुंडी लगा ली। दरवाजे पर बुजुर्ग खुद ही ईंट जोड़कर दीवार बनाने लगा।
इस दौरान उसकी अजीब हरकत देख वहां पहुंची बहू ने कमरे से किसी से रोने की आवाज सुनीं। वह अपने ससुर से पूछताछ करने लगी तो वह भाग निकला। कमरे का दरवाजा खोलकर देखा गया तो वहां से किशोरी बरामद हुई। मामले में किशोरी के पिता की तहरीर पर पुलिस ने बुजुर्ग के खिलाफ मुकदमा कायम किया।
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किशोरी ने पुलिस को दिए बयान में अपने साथ किसी तरह अन्य अप्रिय घटना होने से इन्कार किया। उधर पुलिस ने पुलिस ने बुजुर्ग को भी खोज निकाला। पूछताछ में पता चला कि बुजुर्ग को काफी तेज आवाज ही सुनाई देती है। उसने किशोरी को कमरे में बंद करने से इन्कार किया। इसे लेकर गुरुवार को पुलिस ने किशोरी का अदालत में भी कलम बंद बयान कराया।
कोर्ट में भी किशोरी ने वही बयान दिया जो उसने थाने पर महिला पुलिस कर्मियों को दिया था। वहीं अब किशोरी के स्वजन भी कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। उनका कहना है कि बुजुर्ग को तेज आवाज ही सुनाई देती है। तर्क दिया कि शायद बुजुर्ग ने कमरे में रही किशोरी की आवाज को नहीं सुनी हो। भूलवश उसने किशोरी को बंद कर दिया।
इस संबंध में मुकदमे के विवेचक अफजलपुर चौकी प्रभारी विमल कुमार का कहना है कि किशोरी का बयान कोर्ट में करा दिया गया है। मुकदमे मेें जो धारा लगी है, उसमें सात साल से कम की सजा होने के कारण गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया जाएगा।
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