रिश्ते शर्मशार, प्रेम प्रसंग में मामी की हत्या कर भांजे ने भी दी जान
Kanpur Dehat Crime News कानपुर देहात में मामी और भांजे का शव मिलने से सनसनी फैल गई है। दोनों के शव एक ही कमरे में मिले हैं। पुलिस ने मामले की जांच तो पता चला कि युवक ने पहले मामी की हत्या की इसके बाद जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली है।

संवाद सहयोगी, जागरण रसूलाबाद (कानपुर देहात)। प्यार का परवान जब सिर चढ़ता है...तो कभी कभी उसका अंजाम बेहद दर्दनाक होता है। ऐसा ही कुछ हुआ कानपुर देहात में। यहां पर मामी और भांजे का शव एक ही कमरे में मिला। दोनों के बीच प्रेम प्रसंग का मामला सामने आया है।
एक ही कमरे में मामी व भांजे का शव मिला। आशंका है कि मामी की गमछे से गला कसकर हत्या करने के बाद भांजे ने जहर खाकर जान दे दी। घटना रसूलाबाद के बहेलियनपुरवा गांव में हुई। पुलिस व फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य संकलित किए। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का सही कारण पता चलने की बात कह रही।
बहेलियनपुरवा गांव के सुखराम सिंह पंजाब की एक फैक्ट्री में माली का काम करता है। यहां उसकी 30 वर्षीय मीना उर्फ मन्नू अपने चार बच्चों संग रहती है। रविवार शाम को सुखराम का कन्नौज छिबरामऊ थाना के निगोहा गांव का भांजा इंद्रेश घर आया हुआ था। सोमवार पूर्वाह्न मीना का शव चारपाई पर पड़ा मिला और गले में दुपट्टा कसा हुआ था व गर्दन पर नाखून के निशान थे। वहीं इंद्रेश का शव दीवार के सहारे नीचे पड़ा था व पास में जहरीले पदार्थ की शीशी पड़ी थी। प्रेम प्रसंग में इंद्रेश ने ही मामी की हत्या कर खुद जान दे दी।
सीओ सौरभ वर्मा, कोतवाल हरमीत सिंह व फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य संकलित किए। स्वजन से पूछताछ कर जानकारी ली गई। पति सुखराम को भी मौत की जानकारी दी तो वह वहां से यहां के लिए रवाना हो गया। वहीं बेटी वर्षा, सेजल व अर्पित का रोकर बुरा हाल हो गया। वहीं चार वर्षीय रीतिक को मां की मौत का पता नहीं था। लोगों ने बताया कि इंद्रेश की पत्नी माधुरी ने 2020 में आत्महत्या कर ली थी। कुछ समय से इंद्रेश का यहां आना जाना काफी हो गया था। इंस्पेक्टर हरमीत सिंह ने बताया कि प्रेम प्रसंग का मामला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पूरी स्थिति साफ हो जाएगी।
इंद्रेश ने ही बनाया था मामा का मकान
सुखराम का मकान गांव के बाहर बना है और बीते वर्ष राजमिस्त्री इंद्रेश ने ही इसे बनाया था। वह गांव में ही रुकता था और संभावना है कि उसी दौरान मामी मीना से प्रेम संबंध हो गए।
सुखराम का पुराना मकान गांव के अंदर है जहां उसकी मां विद्यावती रहती है। सुखराम ने गांव के बाहर अपने खेत पर बीते वर्ष मकान बनाया था, इसमें इंद्रेश ने ही पूरा काम किया था और करीब दो माह से अधिक समय तक रुका था। मकान बन जाने के बाद भी उसका आना जाना काफी बना रहा। बेटियों ने बताया कि शाम को आए थे तो रात में खाना खाकर सो गए थे। सुबह जब कोल्ड ड्रिंक लेकर इंद्रेश आए तो उसने भी कोल्ड ड्रिंक पीने को मांगी तो उसने मना कर दिया और बाहर जाने को कहा। मीना के मायके किसान नगर सचेंडी कानपुर निवासी पिता रामकुमार, मां गंगाजली व स्वजन आए और बिलखने लगे। इंद्रेश कुमार के पिता मानसिंह व मां रामप्यारी व बेटे सचिन का रोकर बुरा हाल हो गया। सुखराम एक सप्ताह पहले ही वापस पंजाब गया है। छुट्टी लेकर वह आया था और अब दीपावली में आने को कहा था। मीना की मौत से बच्चों के लालन पालन पर संकट आ गया है।
दिल्ली से घर का लिंटर डलवाने आया था इंद्रेश
मामी के घर एक दिन पहले गए इंद्रेश की मौत की सूचना आई तो स्वजन गम में डूब गए। स्वजन तत्काल बहेलियनपुरवा के लिए निकल गए। इंद्रेश दिल्ली में काम करने गया था। कुछ दिन पहले घर का लिंटर डलवाने के लिए गांव आया था। कोतवाली छिबरामऊ के गांव निगोह खास निवासी मान सिंह मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। उनके तीन बेटे व दो बेटियां हैं। 27 वर्षीय बेटा इंद्रेश रविवार को रसूलाबाद के बहेलियनपुरवा निवासी मामा सुखराम के घर गया था। सोमवार को स्वजन को मामी व इंद्रेश की मौत की सूचना दी गई। इससे स्वजन में चीख-पुकार मच गई। स्वजन घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। वहीं से पोस्टमार्टम के लिए माती चले गए। गांव में स्थित घर में ताला लटक रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि इंद्रेश तीन भाइयों में मझला था। उसके दो बहनें हैं।
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