Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कानपुर की दादी और पोती का मानवता के प्रति समर्पण, नवजातों को मिला गर्म कपड़ों का सहारा

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 04:30 PM (IST)

    कानपुर में 76 वर्षीय दादी अम्मा और 13 वर्षीय आइरिस ने जच्चा-बच्चा अस्पताल में नवजातों को अपने हाथों से बने गर्म कपड़े वितरित किए। दादी अम्मा पिछले 10 ...और पढ़ें

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, कानपुर। साल भर स्नेह के धागों से प्यार और दुलार बुनने वाली 76 वर्षीय दादी अम्मा और मोबाइल की दुनिया से दूर 13 वर्ष की आइरिस का छोटी उम्र में मानवता के प्रति समर्पण शनिवार को जीएसवीएम मेडिकल कालेज के जच्चा-बच्चा अस्पताल में दिखा। जहां पर अम्मा के प्रयास को नमन करने के साथ आइरिस के प्रयास की जमकर सराहना की गई। जिन्होंने वार्ड के हर नवजात को गर्म कपड़े भेंट स्वरूप दिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

     

    शनिवार को जच्चा-बच्चा अस्पताल के हर वार्ड में दादी अम्मा नरेश रानी और बिटिया रानी आइरिस के हाथों से संजोया गया प्यार और दुलार नवजात बच्चों को मिला। वार्ड में गूंजती किलकारी के बीच अम्मा और आइरिस की जोड़ी हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र रही। बुजुर्ग नरेश रानी ने बताया कि वे पिछले 10 वर्षों से हर वर्ष प्यार और दुलार से बुने हुए गर्म कपड़े साल के अंत में बच्चों को देती हैं। इससे वे खुद को व्यस्त रखती हैं और इतने सारे बच्चों का प्यार हासिल कर पाती हैं।

     

    उनके प्रयास को देखकर ही जीएसवीएम मेडिकल कालेज के नाक, कान और गला रोग विभागाध्यक्ष प्रो. एसके कनौजिया और डा. प्रीति कनौजिया की बेटी आइरिस ने भी क्रोशिया से स्वेटर, मोजे, दस्ताने बुनकर बच्चों में वितरित किए। आइरिस ने बताया कि मां ने क्रोशिया से बुनना सिखाया। स्कूल के बाद मोबाइल पर समय न देकर क्रोशिया से दूसरों के लिए कपड़े बुने। जो आज जरूरतमंदों के काम आ रहे हैं। वार्ड में नवजात में गर्म कपड़ों के वितरण में दादी अम्मा और आइरिस का साथ विभागाध्यक्ष डा. रेनू गुप्ता और डा. शैली अग्रवाल ने दिया।