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    खाद का संकट ले रहा जान...किसान ने की आत्महत्या, भीड़ में धक्कामुक्की से महिला की मौत

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 06:30 AM (IST)

    बुंदेलखंड में खाद संकट गहराता जा रहा है। महोबा में खाद न मिलने से परेशान किसान रामेश्वर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। एसडीएम ने उन्हें मानसिक रोगी बताया और खाद की कमी से इनकार किया। वहीं चित्रकूट में खाद वितरण के दौरान धक्का-मुक्की में घायल महिला लीलावती की मौत हो गई। एसडीएम ने कहा कि महिला के नाम पर जमीन नहीं है।

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    उत्तर प्रदेश में खाद संकट की वजह से दो की मौत।

    जागरण टीम, कानपुर। साधन सहकारी समितियों के कर्मियों की अनदेखी व नियमों के फेर में खाद का संकट बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह है कि फसल बर्बाद होने की चिंता में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। घर की महिलाएं तक कतारों में देखी जा रही हैं धक्कामुक्की में उनकी जान जा रही है।

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    बुंदेलखंड में शनिवार को ऐसे ही दो मामले सामने आए। महोबा में दो दिन से साधन सहकारी समिति में चक्कर लगा रहे किसान को जब खाद नहीं मिली तो फंदा लगाकर जान दे दी। वहीं, चित्रकूट में खाद वितरण के दौरान धुक्कामुक्की में घायल महिला किसान की शनिवार को मौत हो गई। अधिकारी समस्या सुझलाने के बजाय सबकुछ ठीक बताकर खाद संकट से ही पल्ला झाड़ रहे हैं।

    महोबा के श्रीनगर के ग्राम पवा निवासी 57 वर्षीय रामेश्वर का शव शुक्रवार देर शाम फंदे से लटका मिला। उनके बेटे रंजीत ने बताया कि पिता के पास दो बीघा जमीन थी, जिसमें मूंगफली की फसल बोई थी। खाद नहीं मिल रही थी इसलिए वह परेशान थे कि सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। प्रधान प्रतिनिधि हरिओम ने बताया कि समिति के कर्मचारियों ने किसान को अपमानित भी किया था। वहीं, समिति के सचिव अच्छेलाल सेन ने यहां तक कह दिया कि रामेश्वर खाद लेने आए ही नहीं थे।

    एसडीएम सदर शिवध्यान पांडेय तो एक कदम आगे निकल गए। उन्होंने तो रामेश्वर को मानसिक रूप से बीमार तक बता दिया। यह भी कहा कि आत्महत्या के पीछे कोई घरेलू वजह हो सकती है। उन्होंने बताया कि खाद का कोई मामला नहीं है। रामेश्वर अपनी जमीन बटाई पर देकर मजदूरी करने हर साल दिल्ली चले जाते थे। इस बार भी उन्होंने खेत गांव के देवेंद्र राजपूत को बटाई पर दिए थे।

    दूसरी घटना चित्रकूट के मानिकपुर की है। खाद के लिए कतार में लगीं किसान राजेश यादव की 65 वर्षीय पत्नी लीलावती उर्फ बबुआ शुक्रवार को धक्कामुक्की में गिर गईं और उनके कूल्हे की हड्डी टूट गई थी। उन्हें प्रयागराज के स्वरूप रानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां शनिवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। बेटे राकेश का कहना है कि उनके पास 10 बीघा जमीन है, उसी के लिए खाद की जरूरत थी। भीड़ व अव्यवस्थित वितरण प्रणाली के चलते उनकी मां की जान गई।

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    मानिकपुर थाना प्रभारी श्रीप्रकाश यादव ने भी महिला के गिरने व कूल्हे में चोट की पुष्टि की है। हालांकि एसडीएम मानिकपुर मो. जसीम ने बताया कि महिला के नाम पर कोई जमीन नहीं है। उन्होंने बताया कि मुआवजे के लिए जांच कराई जा रही है।

    दोनों घटनाओं की जानकारी नहीं है। जांच कराने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी

    अजीत कुमार, मंडलायुक्त, चित्रकूटधाम मंडल।