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    आइआइटी कानपुर की मदद से NSI में शुरू होगा बीटेक व एमटेक पाठ्यक्रम

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 12:12 AM (IST)

    कानपुर में एनएसआई के स्थापना दिवस पर जैव ईंधन और ऊर्जा के क्षेत्र में इसे वैश्विक केंद्र बनाने पर जोर दिया गया। सरकार ने अनुसंधान के लिए संसाधन प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई। एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने और चीनी कोटा प्रणाली को पारदर्शी बनाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। गन्ना किसानों को खेती से दूर होने से रोकने के लिए नई गन्ना प्रजातियों पर अनुसंधान का आह्वान किया गया।

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    राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शर्कराश्री पुरस्कार से सम्मानित किए गए। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। जैव ईंधन और जैव ऊर्जा क्षेत्र में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) को विश्व स्तर का एक्सीलेंस सेंटर बनाएं। इसके लिए विज्ञानी अपने ज्ञान एवं कौशल का प्रयोग करें। केंद्र सरकार इसके लिए जरूरी संसाधन देने को तैयार है। देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरत के लिए पारंपरिक स्रोतों पर आश्रित नहीं रहा जा सकता है। एनएसआइ के 90 वें स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि व केंद्रीय मंत्री उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा प्रल्हाद जोशी ने अपने संबोधन में यह बात कही। इस मौके पर मंत्रालय के सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि एनएसआइ में बीटेक और एमटेक शुगर टेक्नोलाजी का पाठ्यक्रम आइआइटी कानपुर के सहयोग से शुरू किया जाएगा।

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    उन्होंने कहा कि जैव ऊर्जा व जैव ईंधन के साथ ही अब बायो प्लास्टिक क्षेत्र में भी अनुसंधान की जरूरत है। प्लास्टिक उत्पाद का कच्चा माल पेट्रोलियम पदार्थों से मिलता है और इसका भी आयात किया जाता है। देश में एथेनाल उत्पादन तेजी से बढ़ा है और अब 20 प्रतिशत एथेनाल को पेट्रोल में मिलाया जा रहा है। ब्राजील में 80 प्रतिशत मिश्रण हो रहा है। अनुसंधान और शोध के आधार पर ही ऊर्जा चुनौतियों से निपटा जा सकता है।

    इस अवसर पर उन्होंने छह सहकारी चीनी मिलों के एथेनाल संयंत्रों को विभिन्न वनस्पतियों और अनाज पर आधारित एथेनाल संयंत्रों का विकास करने के लिए 300 करोड़ रुपये के सैद्धांतिक अनुमोदन पत्र सौंपे। विभिन्न चीनी मिलों में कार्यरत एनएसआइ के आठ पूर्व छात्रों को “शर्कराश्री” और 12 गन्ना किसानों को प्रगतिशील किसान सम्मान दिया और 350 बेड वाले नए छात्रावास और केंद्रीकृत मेस के निर्माण की आधारशिला रखी।

    कार्यक्रम को सांसद देवेंद्र सिंह ''भोले'', प्रदेश सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, ने भी संबोधित किया। मंच पर उपस्थित अतिथियों में कल्याणपुर विधायक नीलिमा कटियार, विधानपरिषद सदस्य अरूण पाठक, मंत्रालय के सचिव संजीव चोपड़ा, संयुक्त सचिव अश्विनी श्रीवास्तव शामिल रहे। एनएसआइ निदेशक प्रो. सीमा परोहा ने अतिथियों का स्वागत और अंत में धन्यवाद भी किया।

    चीनी मिलों का मासिक कोटा अब पोर्टल पर रहेगा आनलाइन

    स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय मंत्री ने देश की चीनी मिलों की मासिक कोटा प्रबंधन प्रणाली को मंत्रालय के चीनी दर्पण पोर्टल पर लांच किया। अब देश की चीनी मिलों का हर महीने का कोटा इस पोर्टल पर सार्वजनिक रहेगा। अभी तक इस प्रणाली में मिलों की चीनी निकासी का डेटा विभाग के कर्मचारी अपडेट करते रहे हैं। इस व्यवस्था से बाजार में चीनी की आपूर्ति व्यवस्था को पारदर्शी बनाया गया है।

    गन्ना खेती से दूर हो रहे किसानों को रोकने के लिए करें अनुसंधान : चौधरी लक्ष्मीनारायण

    प्रदेश सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने गन्ना प्रजातियों के अनुसंधान पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि गन्ना की खेती अधिक लागत, अधिक अवधि के कारण अब किसान इस खेती से दूर जाने लगे हैं। सहारनपुर के किसान गन्ना छोड़कर पापुलर की खेती करने लगे हैं। ब्रज क्षेत्र में मकई की खेती में ज्यादा मुनाफा हो रहा है। गन्ना की ऐसी प्रजातियों की जरूरत है जो जल्दी तैयार हों और उत्पादन अधिक मिले। किसानों ने गन्ना उत्पादन करना छोड़ दिया तो चीनी मिलों समेत सभी के लिए मुश्किल हो जाएगी।

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