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    Navratri 2025: कानपुर में मां जंगली देवी का अनोखा मंदिर, मान्यता- ईंट चढ़ाने से पूरी होती हर मुराद

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 06:58 PM (IST)

    Navratri 2025 किदवई नगर में स्थित श्री जंगली देवी मंदिर लगभग 1400 वर्ष पुराना है। यहाँ मां दुर्गा की 2.45 क्विंटल चांदी के सिंहासन पर विराजमान प्रतिमा है। नवरात्र में मां के बदलते स्वरूपों के दर्शन के लिए भक्त आते हैं। मान्यता है कि यहाँ ईंट चढ़ाने से मां हर मुराद पूरी करती हैं। मंदिर में 45 वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है।

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    कानपुर के किदवई नगर स्थित मां जंगली देवी मंदिर। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। किदवई नगर के एम ब्लाक स्थित श्री जंगली देवी मंदिर में जगत जननी मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान है। मां की प्रतिमा 2.45 कुंतल चांदी के सिंहासन में विराजमान है। इस प्राचीन मंदिर में मां का शृंगार और पूूजन विधि-विधान से किया जाता है। नवरात्र के दिनों में मां के बदलते स्वरूपों की छटा देखने के लिए यहां भक्त पहुंचते हैं।

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    इतिहास

    मंदिर करीब 1400 वर्ष पुराना है। इस मंदिर का इतिहास अभिलेखों में दर्ज है। मो. बकर के मकान की नींव की खुदाई के दौरान ताम्रपत्र मिला था, जिसमें उर्दू से लिखा हुआ था। उसी के मकान में लगे नीम के पेड़ की खोह में मां की प्रतिमा विराजमान थी। वर्ष 1979 में आए तूफान में नीम का पेड़ गिर गया था। इसके बाद लोगों ने चंदा करके भव्य मंदिर का निर्माण कराया था। यहां 45 वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है।

    मंदिर जाने का मार्ग

    शहर और आसपास के जिलों के भक्त मां के दरबार पहुंचने के लिए सबसे पहले किदवई नगर चौराहा पहुंचना हाेगा। वहां से कुछ ही दूर पर मां का मंदिर है। लखनऊ, प्रयागराज, इटावा, कन्नौज, उन्नाव, झांसी, कानपुर देहात और औरैया से आने वाले भक्त सेंट्रल रेलवे स्टेशन से होते हुए किदवई नगर चौराहा पहुंचते हैं। सेंट्रल रेलवे स्टेशन से आटो, बस और ई-रिक्शा के जरिए मां के दरबार तक पहुंचा जा सकता है।

    ये है मान्यता

    श्री जंगली देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मायादेवी ने बताया कि मां की प्रतिमा दिन में तीन बार स्वरूप बदलती है। शयन आरती के वक्त मां का मुस्कुराता हुआ चेहरा दिखाई देता है। यहां पर ईंट चढ़ाने से मां हर मुराद पूरी कर देती हैं। नवरात्र पर मां के दर्शनों के लिए भक्तों में लाइन लगी रहती है।

    मां के दरबार में पूजन श्रद्धा और उत्साह के साथ होता है। नवरात्र के दौरान मां की प्रतिमा और गर्भगृह को फूलों से सजाया जाता है। हर घंटे पर भव्य शृंगार होता है। इसके अलावा खीर और विशेष प्रकार के पकवानों का रोजाना भाेग भी लगाया जाता है। रोजाना कन्या भोज के साथ ही छठवें दिन खजाना वितरण किया जाता है।

    -विजय पांडेय, प्रधान पुरोहित, श्री जंगली देवी मंदिर ट्रस्ट

    मां अपने हर भक्त की मुराद पूरी करती हैं। नवरात्र पर विशेष पूजन के चलते दूर-दराज से भक्त यहां दर्शनों के लिए आते हैं। 20 वर्षों से नवरात्र पर नंगे पैर मां के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचती हैं। मां ने उनकी हर मनोकामना को पूरा किया है।

    -अनुप्रिया दोसी, भक्त

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